क्या बिहार के नतीजे अगले साल पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा को ऑक्सीजन प्रदान करेंगे?

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क्या बिहार के नतीजे अगले साल पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा को ऑक्सीजन प्रदान करेंगे?

सारांश

बिहार चुनावों में एनडीए की शानदार जीत ने भाजपा को आत्मविश्वास दिया है। क्या यह जीत पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए एक नई राह खोलेगी? जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के पीछे की कहानी।

Key Takeaways

  • एनडीए ने बिहार में प्रचंड जीत हासिल की।
  • सुवेंदु अधिकारी का दावा कि यह पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए लाभकारी होगा।
  • पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की निष्पक्षता महत्वपूर्ण होगी।
  • तृणमूल कांग्रेस का शासन चुनौती में है।
  • भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था में गिरावट के मुद्दे पर मतदान होगा।

कोलकाता, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को प्रचंड बहुमत मिलने पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों में उत्साह का माहौल है। एनडीए के नेता इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की करिश्माई जोड़ी और विकास की जीत मानते हैं।

इसी क्रम में पश्चिम बंगाल में विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने बिहार में एनडीए की शानदार जीत के बाद मीडियाकर्मियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि यदि भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) अगले साल पश्चिम बंगाल में भी बिहार की तरह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में सफल होता है, तो तृणमूल कांग्रेस के 15 वर्षों के शासन का अंत निश्चित है।

अधिकारी ने कहा कि बिहार के मतदाताओं ने स्थिर कानून-व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा, और बेहतर शासन के लिए मतदान किया। पश्चिम बंगाल के लोग तृणमूल कांग्रेस के लंबे कुशासन के खिलाफ मतदान करेंगे, जहां भ्रष्टाचार और महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती दर चिंता का विषय है।

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की तरह पश्चिम बंगाल में भी चुनाव आयोग द्वारा विशेष गहन समीक्षा के बाद चुनाव होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के नतीजे अगले साल पश्चिम बंगाल चुनावों में भाजपा को ऑक्सीजन प्रदान करेंगे।

अधिकारी ने यह दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस इस संशोधन प्रक्रिया से चिंतित है, जिसके बाद कई अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या मतदाताओं के नाम हटा दिए जाएंगे।

भाजपा के राज्य महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि 2024 में ओडिशा और 2025 में बिहार जीतने के बाद भाजपा की अगली बड़ी जीत 2026 में पश्चिम बंगाल में होगी। उन्होंने कहा कि अब पीछे मुड़कर देखने का कोई अर्थ नहीं है।

तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने बिहार चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार के परिणामों का अगले साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल की वास्तविकता बिहार से अलग है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और तृणमूल कांग्रेस को अभी भी जनता का विश्वास प्राप्त है।

Point of View

लेकिन पश्चिम बंगाल की जमीनी हकीकत भिन्न है। तृणमूल कांग्रेस का शासन अभी भी जनता के बीच मजबूत है। ऐसे में भाजपा को अपनी रणनीति में बदलाव लाना होगा।
NationPress
14/11/2025

Frequently Asked Questions

बिहार चुनाव में एनडीए की जीत का महत्व क्या है?
एनडीए की जीत ने भाजपा को आत्मविश्वास दिया है और यह अगले साल पश्चिम बंगाल चुनावों में भाजपा की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।
पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की भूमिका क्या होगी?
चुनाव आयोग की भूमिका निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करना है, जो बिहार में सफल रहा।
तृणमूल कांग्रेस की स्थिति क्या है?
तृणमूल कांग्रेस अभी भी पश्चिम बंगाल की जनता का विश्वास प्राप्त करती है, लेकिन चुनावी चुनौती का सामना कर रही है।
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