क्या बिहार में पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया गिरोह का सदस्य गिरफ्तार हुआ?
सारांश
Key Takeaways
- ईओयू ने पेपर लीक मामले में सख्त कार्रवाई की है।
- संजय कुमार प्रभात का आपराधिक इतिहास गंभीर है।
- 289 आरोपी अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
- प्रतियोगी परीक्षाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार गंभीर है।
- नए संदिग्धों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
पटना, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शेखपुरा निवासी और संजिव मुखिया गिरोह के सक्रिय सदस्य संजय कुमार प्रभात को पटना के गोला रोड से गिरफ्तार किया है।
संजय कुमार को सोमवार को हिरासत में लिया गया और अगले दिन जेल भेज दिया गया। ईओयू के अधिकारियों ने बताया कि वे लंबे समय से उस पर नजर रख रहे थे।
संजय प्रभात का आपराधिक रिकॉर्ड कई परीक्षा लीक मामलों से जुड़ा है।
उस पर 15 मार्च 2024 को आयोजित बीपीएससी टीआरई 3.0 परीक्षा में लीक हुए प्रश्नपत्रों के बदले प्रत्येक उम्मीदवार से लगभग 1 लाख रुपए वसूलने का आरोप है।
वह टीआरई-3 पेपर लीक से संबंधित आर्थिक अपराध में वांछित था।
पूछताछ के दौरान प्रभात ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करके बड़ी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित करने की बात स्वीकार की।
उन्होंने आगामी परीक्षाओं के लिए कई उम्मीदवारों से प्रवेश पत्र भी लिए थे और उन्हें परीक्षा केंद्रों के अंदर व्यवस्था करने का वादा किया था।
संजय कुमार प्रभात से पूछताछ के बाद ईओयू इस मामले में संजिव मुखिया से भी पूछताछ कर सकता है। वह फिलहाल नीट यूजी पेपर लीक मामले में जमानत पर है।
प्रतियोगी परीक्षाओं के निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बिहार पुलिस की नोडल इकाई ईओयू ने चालक सिपाही भर्ती परीक्षा और प्रवर्तन उप-निरीक्षक परीक्षा से पहले राज्य भर में छापेमारी तेज कर दी है।
चल रही कार्रवाई परीक्षा धोखाधड़ी में शामिल संगठित गिरोहों को निशाना बना रही है।
प्रभात टीएसईएएमसीईटी 2016 पेपर लीक मामले में भी आरोपी है, जिसकी वर्तमान में हैदराबाद सीआईडी द्वारा जांच की जा रही है, और अखिल भारतीय प्री-मेडिकल टेस्ट 2016 लीक मामले में भी आरोपी है, जो हल्द्वानी, नैनीताल (उत्तराखंड) के रामनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज है।
अब तक, टीआरई-3 पेपर लीक मामले में 289 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। शेष संदिग्धों की तलाश में छापेमारी जारी है और जांच जारी है।