क्या त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या में न्याय मिलेगा?

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क्या त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या में न्याय मिलेगा?

सारांश

क्या त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा की हत्या में न्याय मिलेगा? इस सवाल पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की। हत्या के मामले में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। जानिए घटना का पूरा विवरण और इसकी गंभीरता।

Key Takeaways

  • त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा पर नस्लीय भेदभाव से प्रेरित हमला हुआ।
  • मुख्यमंत्री माणिक साहा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की।
  • मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
  • एंजेल चकमा की अस्पताल में इलाज के बाद मृत्यु हुई।
  • यह घटना पूरे देश में चिंता का विषय बनी हुई है।

अगरतला, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शनिवार को देहरादून में छात्र एंजेल चकमा पर हुए क्रूर हमले के संबंध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा की। सरकारी अधिकारियों ने इस घटना की जानकारी दी।

अधिकारियों के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कांस्टेबल के 24 वर्षीय बेटे एंजेल चकमा पर 9 दिसंबर को बदमाशों ने हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। गंभीर चोटों के कारण, चकमा ने शुक्रवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच जारी है।

मुख्यमंत्री साहा ने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से त्रिपुरा के देबराम ठाकुर पारा के निवासी छात्र एंजेल चकमा के साथ हुई दुखद घटना पर बात की। 9 दिसंबर को देहरादून में उन पर बेरहमी से हमला किया गया था और बाद में ग्राफिक एरा अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।"

मुख्यमंत्री ने कहा कि धामी ने उन्हें बताया कि इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और न्याय की बात की गई है।

एंजेल चकमा, जो उत्तराखंड के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे, पर नस्लीय भेदभाव से प्रेरित हमले में गंभीर चोटें आईं।

अगरतला में मृतक के परिवार ने बताया कि यह घटना 9 दिसंबर की शाम को देहरादून के सेलाक्वी इलाके में हुई।

पीड़ित के भाई माइकल चकमा ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज की है।

शिकायत में कहा गया है कि दोनों भाई, माइकल और एंजेल, आवश्यक सामान खरीदने के लिए बाहर गए थे, तभी उन्हें शराब के नशे में धुत कुछ युवकों ने रोक लिया।

बहस के बाद स्थिति एक क्रूर हमले में बदल गई। हमलावरों ने नस्लीय गालियां दीं और उनके रंग-रूप पर अपमानजनक टिप्पणियां कीं।

जब भाइयों ने इसका विरोध किया, तो स्थिति एक हिंसक हमले में तब्दील हो गई।

एक अन्य विश्वविद्यालय के छात्र माइकल चकमा ने आरोप लगाया कि उनके सिर पर कलाई में पहनने वाले 'कड़ा' से वार किया गया।

एंजेल को हमले में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, और उसकी गर्दन और पेट सहित कई जगहों पर चाकू से वार किया गया।

उन्हें तुरंत ग्राफिक एरा अस्पताल ले जाया गया और ईसीयू में भर्ती कराया गया।

लंबे समय तक चिकित्सा उपचार के बावजूद, शुक्रवार तड़के करीब 4 बजे उनकी मृत्यु हो गई।

उत्तराखंड पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

Point of View

NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या एंजेल चकमा की हत्या के मामले में न्याय मिलेगा?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच जारी है और न्याय मिलेगा।
इस मामले में कितने आरोपी गिरफ्तार हुए हैं?
इस मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
एंजेल चकमा किस विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे?
एंजेल चकमा उत्तराखंड के एक विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे।
क्या यह हमला नस्लीय भेदभाव से प्रेरित था?
जी हां, यह हमला नस्लीय भेदभाव से प्रेरित था।
क्या एंजेल चकमा को अस्पताल में इलाज मिला?
जी हां, एंजेल चकमा को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
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