क्या सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का वादा किया?

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क्या सीएम योगी आदित्यनाथ ने यूपी में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का वादा किया?

सारांश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयुर्वेदिक दवाओं के क्षेत्र में लखनऊ स्थित प्रयोगशालाओं की प्रगति की सराहना की। यह वादा स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने का है। जानिए कैसे ये दवाएं स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई क्रांति ला रही हैं।

Key Takeaways

  • योगी आदित्यनाथ ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का वादा किया।
  • लखनऊ की चार प्रयोगशालाओं ने आयुर्वेदिक दवाओं में प्रगति की है।
  • बीजीआर-34 जैसी औषधियाँ डायबिटीज के उपचार में मददगार साबित हो रही हैं।
  • भारत के हर्बल दवा क्षेत्र की वैश्विक पहचान बढ़ रही है।
  • सरकारी तकनीक और स्टार्टअप्स के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

लखनऊ, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने का प्रतिज्ञा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ स्थित चार सरकारी प्रयोगशालाओं द्वारा आयुर्वेदिक दवाओं के क्षेत्र में की गई उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की, जो इन दवाओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में सफल रही हैं। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

यहां दो दिवसीय सीएसआईआर स्टार्टअप क्लॉकलेव में रिसर्च संस्थानों, स्टार्टअप, आयुर्वेद विशेषज्ञों और नीति निर्माताओं के प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) की लखनऊ स्थित चार प्रयोगशालाओं - नेशनल बॉटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई), सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट्स (सीआईएमएपी), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च (आईआईटीआर) और सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) के काम की प्रशंसा की।

इन संस्थानों ने मिलकर 13 प्रमुख हर्बल दवाएं विकसित की हैं, जो लाइफस्टाइल और पुरानी बीमारियों से निपटती हैं, जिनमें डायबिटीज के लिए बीजीआर-34, अर्जुन पेड़ की छाल से प्राप्त ब्लड कैंसर के लिए पैक्लिटैक्सल और फैटी लिवर और लिवर सेल डिजेनरेशन के लिए पिक्रोलिव शामिल हैं।

इनमें से, बीजीआर-34 ने क्लॉकलेव में सबसे अधिक ध्यान खींचा, क्योंकि एनबीआरआई और सीआईएमएपी द्वारा संयुक्त रूप से विकसित इस फॉर्मूलेशन में छह जड़ी-बूटियां दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मंजिष्ठा और मेथी शामिल हैं।

यह पहले से ही ब्लड शुगर को नियंत्रित करने की क्षमता के लिए जानी जाती है, लेकिन इस दवा को लंबे समय में डायबिटीज को ठीक करने के संभावित समाधान के रूप में भी देखा जा रहा है, जो अब वैश्विक स्वास्थ्य सेवा का मुख्य फोकस है।

दवा की व्यावसायिक मार्केटिंग देख रहे डॉ. संचित शर्मा ने कहा, "दुनिया भर में डायबिटीज नियंत्रण से आगे बढ़कर डायबिटीज को ठीक करने पर ध्यान दिया जा रहा है।"

डॉ. शर्मा ने आगे कहा, "बीजीआर-34 जैसे फॉर्मूलेशन आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान के तालमेल को दर्शाते हैं, और आने वाले वर्षों में ऐसे मॉडल एक डायबिटीज मुक्त समाज की नींव बन सकते हैं।"

नीति निर्माताओं और उद्योग के नेताओं के लिए, क्लॉकलेव ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में भारत के हर्बल दवा क्षेत्र की बढ़ती क्षमता पर जोर दिया।

क्लॉकलेव में अपने दौरे के दौरान केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह पहल नवाचार का 'लैब से लोगों तक' मॉडल है।

उन्होंने स्टार्टअप से सरकारी तकनीक का उपयोग करने और उन्हें वैश्विक बाजारों में ले जाने का आग्रह किया, जहां प्राकृतिक और हर्बल उपचारों की मांग बढ़ रही है। डॉ. सिंह के साथ प्रदर्शनी का दौरा करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोधकर्ताओं को हर्बल समाधानों के व्यावसायीकरण को तेज करने के लिए प्रोत्साहित किया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि योगी आदित्यनाथ का यह वादा यूपी के स्टार्टअप इकोसिस्टम को एक नई ऊर्जा प्रदान करेगा। इस पहल से न केवल स्थानीय उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आयुर्वेदिक दवाओं की अंतरराष्ट्रीय पहचान भी होगी।
NationPress
18/09/2025

Frequently Asked Questions

योगी आदित्यनाथ ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए क्या किया?
योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में चार सरकारी प्रयोगशालाओं की प्रगति की सराहना की और स्टार्टअप को वैश्विक बाजारों में ले जाने का आग्रह किया।
आयुर्वेदिक दवाओं में क्या खास है?
आयुर्वेदिक दवाएं प्राकृतिक तत्वों से बनी होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों में सहायक होती हैं।
क्लॉकलेव का क्या महत्व है?
क्लॉकलेव स्टार्टअप्स और आयुर्वेदिक दवाओं के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने का एक मंच है, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत की क्षमता को प्रदर्शित करता है।