क्या कर्नाटक सरकार ने तिब्बती समुदाय को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई?

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क्या कर्नाटक सरकार ने तिब्बती समुदाय को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई?

सारांश

कर्नाटक सरकार ने तिब्बती समुदाय को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराते हुए, शिक्षा और सामाजिक कल्याण के लिए कई पहल की जानकारी दी। मंत्री मधु बंगारप्पा ने समुदाय के प्रति अपनी सेवा का कर्तव्य बताया। जानिए इस विशेष समारोह में और क्या हुआ।

Key Takeaways

  • कर्नाटक सरकार ने तिब्बती समुदाय को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
  • मंत्री मधु बंगारप्पा ने शिक्षा और मानवता के मूल्यों के महत्व पर जोर दिया।
  • राज्य में तिब्बती छात्रों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू हैं।

बेंगलुरु, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने तिब्बती समुदाय को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर से दोहराया है। सरकार ने स्पष्ट किया कि राज्य में निवास करने वाले तिब्बती समुदाय को सहायता प्रदान करना उसका कर्तव्य है।

राज्य के स्कूल शिक्षा और साक्षरता मंत्री मधु बंगारप्पा ने यह महत्वपूर्ण बयान मुंडगोड स्थित तिब्बती बस्ती में गादेन शार्त्से थोसम नोरलिंग स्कूल की स्थापना की 55वीं वर्षगांठ के समारोह में दिया।

बंगारप्पा ने सभा को संबोधित करते हुए तिब्बती समुदाय को राज्य सरकार के निरंतर समर्थन की पुष्टि की और कहा कि उनकी सेवा करना उनका कर्तव्य और सौभाग्य दोनों है।

उन्होंने छात्रों को शिक्षा, शांति और मानवीय मूल्यों पर आधारित एक सकारात्मक भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।

14वें दलाई लामा के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित भिक्षुओं, विद्यार्थियों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों को विशेष शुभकामनाएं दीं।

शिक्षा को एक ऐसी असीम शक्ति के रूप में वर्णित करते हुए उन्होंने कहा कि यह भाषा, धर्म, राज्य और राष्ट्रीय सीमाओं से परे है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शांति और प्रगति केवल शिक्षा और मानवीय मूल्यों के माध्यम से ही स्थापित की जा सकती है।

कर्नाटक सरकार की समावेशी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए बंगारप्पा ने विद्यालय शिक्षा विभाग द्वारा कार्यान्वित कई कल्याणकारी पहलों का विवरण दिया, जिसमें छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन, दूध, अंडे, रागी माल्ट, मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, नोटबुक, यूनिफॉर्म, जूते और मोजे शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों में लगभग 1.16 करोड़ छात्र राज्य की शिक्षा व्यवस्था से लाभान्वित हो रहे हैं।

मंत्री ने अगले शैक्षणिक वर्ष से 'नैतिक विज्ञान' को अनिवार्य विषय के रूप में पुनः शुरू करने की बात दोहराई, जिसका उद्देश्य छात्रों में मानवीय मूल्यों, नागरिक उत्तरदायित्व, स्वास्थ्य जागरूकता, पर्यावरण संवेदनशीलता और नैतिक जीवन को सुदृढ़ करना है।

इस अवसर पर बंगारप्पा ने शिक्षा और सामुदायिक सेवा में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए विशिष्ट अधिकारियों, शिक्षकों और समर्थकों को सम्मान प्रमाण पत्र प्रदान किए।

Point of View

बल्कि सामाजिक समरसता के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। ऐसे में यह समझना आवश्यक है कि सरकार का यह दृष्टिकोण देश की विविधता को स्वीकारने और उसे सशक्त बनाने का प्रयास है।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक सरकार ने तिब्बती समुदाय को समर्थन कैसे दिया?
कर्नाटक सरकार ने तिब्बती समुदाय के लिए शिक्षा और कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और उनकी सेवा को अपना कर्तव्य बताया।
क्या तिब्बती समुदाय के लिए कोई विशेष योजनाएं हैं?
जी हां, सरकार ने मध्याह्न भोजन, मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी।
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