क्या प्रधानमंत्री की तमिलनाडु यात्रा के दौरान पलानीस्वामी से मुलाकात होगी?

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का तमिलनाडु दौरा
- पलानीस्वामी से संभावित मुलाकात
- 2026 विधानसभा चुनाव की रणनीति
- मोदी का मंदिर में भाग लेना
- भाजपा और एआईएडीएमके के बीच संबंधों का महत्व
चेन्नई, २४ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २६ से २७ जुलाई तक तमिलनाडु में उपस्थित रहेंगे। चर्चा है कि इस दौरान एआईएडीएमके के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी उनसे मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात तिरुचिरापल्ली (तिरुचि) में संभव है।
यदि यह मुलाकात होती है, तो यह २०२६ के विधानसभा चुनाव के बाद दोनों की पहली औपचारिक बातचीत होगी। भाजपा और एआईडीएमके ने मिलकर उस चुनाव में हिस्सा लिया था।
प्रधानमंत्री मोदी २६ जुलाई की शाम को मालदीव की आधिकारिक यात्रा समाप्त करने के बाद तमिलनाडु पहुंचेंगे।
उनके २६ जुलाई की शाम ७:५० बजे तूतीकोरिन हवाई अड्डा पर उतरने की संभावना है। वहां, वे विस्तारित हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे और फिर रात में विश्राम के लिए तिरुचिरापल्ली (तिरुचि) रवाना होंगे।
२७ जुलाई को प्रधानमंत्री मोदी अरियालुर जिले के ऐतिहासिक गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर में होने वाले आदि तिरुवथिराई उत्सव में शामिल होंगे। कार्यक्रम के बाद, वे दोपहर २:२५ बजे तिरुचि से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
सूत्रों के अनुसार, ई. पलानीस्वामी २६ जुलाई की रात देर से या २७ जुलाई की सुबह तिरुचि में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।
हालांकि एआईएडीएमके ने इस बैठक की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन पार्टी ने ई. पलानीस्वामी (ईपीएस) के पहले से तय कार्यक्रम, जो २६ जुलाई को कराईकुडी, तिरुपत्तूर और शिवगंगा में होने वाले थे, को अब २९ जुलाई तक के लिए टाल दिया है।
पार्टी ने अपने बयान में कार्यक्रम टालने की वजह नहीं बताई, लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बदलाव प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के लिए किया गया है। यह बैठक इसलिए भी खास मानी जा रही है, क्योंकि अब तक एआईएडीएमके और भाजपा के बीच गठबंधन की बातचीत मुख्य रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जरिए होती रही है।
२०२४ के लोकसभा चुनाव के दौरान हुए विवाद के बाद से ईपीएस और प्रधानमंत्री मोदी की सीधे मुलाकात नहीं हुई थी, क्योंकि दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था।
इसके पहले, अमित शाह ने कहा था कि भाजपा २०२६ के विधानसभा चुनावों में एआईएडीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा बनेगी। लेकिन, बाद में ईपीएस ने जवाब देते हुए कहा कि एआईएडीएमके अकेले स्पष्ट बहुमत से सरकार बनाएगी। इससे दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच उलझन फैल गई।
प्रस्तावित बैठक में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बात होने की उम्मीद है। इनमें ईपीएस का केंद्र सरकार से अनुरोध भी शामिल है कि डीएमके नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की जांच तेज की जाए। अगर यह सही साबित होता है, तो प्रधानमंत्री मोदी और पलानीस्वामी के बीच यह प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल के बाद पहली व्यक्तिगत बातचीत होगी।