क्या भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता 1 अक्टूबर से लागू होगा?

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क्या भारत-ईएफटीए व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौता 1 अक्टूबर से लागू होगा?

सारांश

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 1 अक्टूबर से भारत और ईएफटीए के बीच समझौते के लागू होने की पुष्टि की। यह समझौता 10 लाख रोजगार सृजन की उम्मीद जगाता है और विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा। जानें इस ऐतिहासिक समझौते के बारे में और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • भारत-ईएफटीए समझौता 1 अक्टूबर से लागू होगा।
  • 10 लाख नए रोजगार सृजित होंगे।
  • ईएफटीए देशों ने 100 अरब डॉलर के निवेश का आश्वासन दिया है।
  • पहले 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा।
  • भारत अपनी 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश करेगा।

मुंबई, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को घोषणा की कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच व्यापार एवं आर्थिक साझेदारी समझौता (टीईपीए) 1 अक्टूबर से आधिकारिक रूप से लागू होगा, जिसके चलते भारत में 10 लाख नए प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होंगे।

ईएफटीए में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। 10 मार्च, 2024 को हस्ताक्षरित इस महत्वपूर्ण समझौते के परिणामस्वरूप भारत में भारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आने की संभावना है और कई क्षेत्रों में व्यापार एवं आर्थिक सहयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत-ईएफटीए टीईपीए 1 अक्टूबर से लागू होगा।"

ईएफटीए देशों ने 100 अरब डॉलर के निवेश का आश्वासन दिया है, जिससे भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होगा।

व्यापार, निवेश एवं व्यावसायिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित भारत-ईएफटीए डेस्क की स्थापना की गई है।

केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि यह डेस्क सरकारों और निजी कंपनियों के लिए एक सिंगल-विंडो प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा।

भारत-ईएफटीए समझौते में पहले 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) शामिल है; अगले 5 वर्षों में 50 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश और भारत में 10 लाख नए रोजगार का निर्माण शामिल है।

टीईपीए भारत के सबसे व्यापक व्यापार समझौतों में से एक है और इससे भारतीय निर्यातकों के लिए प्रीमियम यूरोपीय बाजार खुलने की संभावना है, साथ ही पूंजी, नवाचार और रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

इस समझौते के तहत, ईएफटीए अपनी 92.2 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है, जो इस क्षेत्र में भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात को कवर करती है।

ईएफटीए की बाजार पहुंच की पेशकश में 100 प्रतिशत गैर-कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (पीएपी) पर टैरिफ रियायतें शामिल हैं।

इस समझौते के तहत, भारत अपनी 82.7 प्रतिशत टैरिफ लाइनों की पेशकश कर रहा है, जो ईएफटीए के 95.3 प्रतिशत निर्यात को कवर करती है, जिसमें 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोना है।

सोने पर प्रभावी शुल्क अपरिवर्तित रहेगा। फार्मा, चिकित्सा उपकरण और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों जैसे क्षेत्रों में प्रस्ताव दिए गए हैं, जबकि डेयरी, सोया, कोयला और संवेदनशील कृषि उत्पादों को बहिष्करण सूची में रखा गया है।

इस समझौते के तहत, घरेलू ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाले स्विस उत्पाद, जैसे घड़ियां, चॉकलेट, बिस्कुट कम कीमतों पर उपलब्ध होंगे क्योंकि भारत व्यापार समझौते के तहत इन वस्तुओं पर सीमा शुल्क को 10 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से समाप्त करेगा।

Point of View

बल्कि विदेशी निवेश भी आकर्षित होगा। इससे भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में मजबूती मिलेगी।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत-ईएफटीए समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है, जिससे भारत में रोजगार सृजन और विदेशी निवेश में वृद्धि हो सके।
ईएफटीए में कौन-कौन से देश शामिल हैं?
ईएफटीए में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।
इस समझौते से कितने रोजगार सृजित होंगे?
इस समझौते से भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है।
इस समझौते का कार्यान्वयन कब होगा?
यह समझौता 1 अक्टूबर से लागू होगा।
इस समझौते का भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इससे भारत की अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी, विदेशी निवेश बढ़ेगा और भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसर खुलेंगे।