क्या राजस्थान के 20 अरावली जिलों में 29 दिसंबर से अवैध खनन के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई शुरू होगी?
सारांश
Key Takeaways
- अवैत खनन के खिलाफ राज्य सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति।
- संयुक्त अभियान में पांच विभागों का समन्वय।
- जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में विशेष जांच टीम की बैठक।
- अवैध गतिविधियों के स्रोतों की पहचान और कार्रवाई।
- अभियान के दौरान मीडिया में प्रचारित करने का निर्देश।
जयपुर, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशों पर, 29 दिसंबर, 2025 से 15 जनवरी, 2026 तक अरावली पर्वत श्रृंखला के 20 जिलों में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण गतिविधियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण संयुक्त अभियान शुरू किया जाएगा।
यह संयुक्त कार्रवाई जिला कलेक्टरों की निगरानी में खान, राजस्व, पुलिस, परिवहन और वन विभागों द्वारा समन्वय के साथ की जाएगी।
यह पहल अवैध खनन के खिलाफ राज्य सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति को दर्शाती है।
शनिवार को, मुख्यमंत्री शर्मा ने खान और वन विभागों की एक बैठक की अध्यक्षता की और अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट और प्रभावी परिणाम सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कार्रवाई के तरीके पर जोर दिया।
राजस्थान के खान विभाग के प्रमुख सचिव, टी. रविकांत ने सचिवालय में सीनियर माइनिंग इंजीनियरों के साथ चर्चा की और मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार राज्य से अवैध खनन को समाप्त करने की बात कही।
इन निर्देशों के अनुसार, 20 अरावली जिलों में एक समन्वित अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
रविकांत ने कहा कि यह अभियान अवैध खनन के सभी पहलुओं को कवर करेगा, जिसमें गैर-कानूनी खुदाई, परिवहन और भंडारण शामिल हैं।
जिला कलेक्टरों के मार्गदर्शन में, यह अभियान विभागों के बीच करीबी समन्वय के साथ चलाया जाएगा।
अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में तुरंत विशेष जांच टीम की बैठक बुलाएं।
रविकांत ने यह भी कहा कि कार्रवाई केवल अवैध परिवहन तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि समस्या के मूल कारणों और स्थानों की पहचान करके उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, "अवैध खनन से प्रभावित जिलों में संवेदनशील हॉटस्पॉट की पहचान की जाएगी, जहां मशीनरी जब्त करने सहित कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि अभियान के दौरान कोई ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और कानून के अनुसार सबसे सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस ऑपरेशन की नियमित रूप से उदयपुर मुख्यालय और खान विभाग के प्रमुख सचिव के स्तर पर निगरानी की जाएगी।
अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी, और किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे अभियान के दौरान की गई कार्रवाइयों को मीडिया के माध्यम से प्रचारित करें ताकि अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ राज्य सरकार के कड़े रुख का एक मजबूत संदेश दिया जा सके।