क्या कर्नाटक में किसानों की मांग को लेकर भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी हुई?
सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक में किसान आंदोलन की तीव्रता बढ़ रही है।
- भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हालात को उलझा दिया है।
- किसान समस्याओं को सरकार द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है।
- किसानों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक न्याय नहीं मिलता।
- किसान आत्महत्या की बढ़ती दर चिंता का विषय है।
बेलगावी, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक पुलिस ने मंगलवार को सुवर्ण विधान सौधा की घेराबंदी की कोशिश कर रहे भाजपा नेताओं और किसानों को हिरासत में ले लिया।
भाजपा नेताओं और किसान प्रतिनिधियों ने मालिनी सिटी ग्राउंड में एक बड़े विरोध प्रदर्शन के बाद "भ्रष्ट कांग्रेस सरकार की किसान-विरोधी नीतियों" के खिलाफ सुवर्ण विधान सौधा की ओर मार्च किया। सौधा के पास पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें रोकते हुए हिरासत में ले लिया।
हिरासत में लिए गए नेताओं में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व विधायक बी.वाई. विजयेंद्र, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक, विधान परिषद में विपक्ष के नेता चालवाड़ी नारायणस्वामी, विपक्ष के मुख्य सचेतक एन. रविकुमार, भाजपा एमएलसी सी.टी. रवि, प्रदेश भाजपा महासचिव पी. राजीव, सहित कई विधायक, एमएलसी और स्थानीय नेता शामिल हैं।
प्रदर्शन के दौरान विजयेंद्र ने आरोप लगाया कि पिछले ढाई वर्षों में राज्य सरकार की एकमात्र 'उपलब्धि 2,500 किसानों की आत्महत्या' है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पूरी तरह किसान-विरोधी है और इसका सत्ता में टिकना मुश्किल है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार धान, गन्ना, कपास, मक्का और अन्य फसलों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है। हाल ही में हुई भारी बारिश के दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा केवल हवाई सर्वेक्षण करने पर भी उन्होंने सवाल उठाए।
विजयेंद्र ने कहा कि राज्य सरकार के पास किसानों को निष्पक्ष एवं पारिश्रमिक मूल्य से अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने की शक्ति है, लेकिन मुख्यमंत्री ऐसा क्यों नहीं कर रहे, इसका जवाब देना होगा।
उन्होंने कहा, "येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में, मैं हमेशा किसानों के साथ खड़ा रहूंगा। न्याय मिलने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा।"
आर अशोक ने कहा कि किसानों की आवाज सुवर्ण सौधा और विधान सौधा दोनों जगह पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा का विरोध सदन के अंदर भी जारी रहेगा।
चालवाड़ी नारायणस्वामी ने दावा किया कि कई क्षेत्रों में भारी बारिश से कपास, तूर, उड़द समेत कई फसलें चौपट हो गई हैं, पर सरकार समाधान नहीं दे पा रही।
एन रविकुमार ने कहा कि यदि सरकार किसानों की समस्याओं को हल नहीं कर सकती तो उसे इस्तीफा दे देना चाहिए।
सीटी रवि ने चिंता जताई कि किसान आत्महत्या के मामलों में कर्नाटक देश में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है और तुरंत राहतकारी कदम उठाए जाने की जरूरत है।
प्रदर्शन स्थल से हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को बाद में पुलिस वाहन से ले जाया गया। वहीं, किसान संगठनों और भाजपा ने अपने आंदोलन को जारी रखने की घोषणा की है।