क्या राजस्थान में कुल बिजली आपूर्ति का 70 प्रतिशत हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से है?

सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान की बिजली आपूर्ति में 70 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान।
- गोरबिया सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन।
- परियोजना से 755 गीगावाट घंटे स्वच्छ बिजली का उत्पादन।
- किसानों को ऊर्जा प्रदाता के रूप में शामिल किया गया।
- 700 से अधिक स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिला।
नई दिल्ली, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि राजस्थान में अब लगभग 70 प्रतिशत बिजली नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त होती है।
राजस्थान के पास 35.4 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता है, जिसमें 29.5 गीगावाट सौर ऊर्जा और 5.2 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल हैं।
राजस्थान में जेलेस्ट्रा इंडिया द्वारा विकसित 435 मेगावाट क्षमता वाली गोरबिया सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य अब आशा, ऊर्जा स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन गया है।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे द्वारा उत्पादित प्रत्येक मेगावाट के साथ, हम केवल बिजली का उत्पादन नहीं कर रहे, बल्कि एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं, और यह परियोजना परिवर्तन की गति और पैमाने को दर्शाती है।
गोरबिया सौर ऊर्जा परियोजना 1,250 एकड़ में फैली है और इसे आठ महीने से भी कम समय में पूरा किया गया। इस परियोजना के लिए भारतीय सौर ऊर्जा निगम के साथ 25 साल का विद्युत क्रय समझौता (पीपीए) किया गया है।
यह परियोजना हर साल 755 गीगावाट घंटे स्वच्छ बिजली का उत्पादन करेगी, जिससे लगभग 1.28 लाख घरों को बिजली मिलेगी और हर साल लगभग 7.05 लाख टन कार्बन उत्सर्जन कम होगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस परियोजना ने किसानों को भारत की ऊर्जा यात्रा में भागीदार बना दिया है, क्योंकि इसमें उपयोग की गई भूमि उन्हें पट्टे पर दी गई है, जिससे उन्हें स्थिर आय प्राप्त हो रही है।
उन्होंने कहा, "हमारे किसान अब केवल अन्नदाता नहीं हैं। वे अब ऊर्जा प्रदाता भी बन गए हैं।"
इस परियोजना के निर्माण के दौरान 700 से अधिक स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिला, जिससे आजीविका सृजन और कौशल विकास में योगदान मिला।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साइट पर सबस्टेशन और 6.5 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन सहित संपूर्ण निकासी अवसंरचना केवल पांच महीनों में पूरी हो गई।
यह परियोजना सर्वोत्तम प्रदर्शन बनाए रखने के लिए उन्नत सौर पैनलों (टॉपकॉन बाइफेसियल मोनो पीईआरसी मॉड्यूल) और 1300 से अधिक रोबोटिक सफाई इकाइयों का उपयोग करती है। केंद्रीय मंत्री ने इसे विश्वस्तरीय सुविधा बताया और ऐसी तकनीकों को व्यापक रूप से अपनाने का आग्रह किया।
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत, राजस्थान में 49,000 से अधिक रूफटॉप इंस्टॉलेशन पूरे हो चुके हैं, जिन पर 325 करोड़ रुपए से ज्यादा की सब्सिडी वितरित की गई है। वहीं, प्रधानमंत्री-कुसुम के तहत, लगभग 1.45 लाख सौर पंप स्थापित किए जा चुके हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने 2030 की समय सीमा से पांच साल पहले ही गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 50 प्रतिशत स्थापित क्षमता का अपना लक्ष्य हासिल कर लिया है।
—राष्ट्र प्रेस