क्या 'मेरी सहेली' पहल से आरपीएफ ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे क्षेत्र में 10 नाबालिगों को बचाया?

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क्या 'मेरी सहेली' पहल से आरपीएफ ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे क्षेत्र में 10 नाबालिगों को बचाया?

सारांश

गुवाहाटी से एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। आरपीएफ की 'मेरी सहेली' पहल के तहत हुए विशेष अभियान में 10 नाबालिगों को बचाने की कोशिश को सफलता मिली है। क्या यह पहल महिलाओं के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित कर पाएगी?

Key Takeaways

  • आरपीएफ ने 10 नाबालिगों को बचाया।
  • 'मेरी सहेली' पहल महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देती है।
  • विशेष अभियान के तहत 3 भागे हुए नाबालिगों को भी बचाया गया।

गुवाहाटी, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने पिछले सप्ताह 10 नाबालिगों को बचाकर एक अद्भुत सफलता प्राप्त की।

एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि 25 से 30 अक्टूबर के बीच आरपीएफ ने एनएफआर क्षेत्राधिकार के अंतर्गत विभिन्न स्टेशनों पर विशेष अभियान चलाया। इस दौरान 10 नाबालिगों (7 लड़के और 3 लड़कियां) को बचाने में सफलता प्राप्त हुई।

उन्होंने बताया कि सभी रेस्क्यू बच्चों को आगे की आवश्यक कार्रवाई और पुनर्वास के लिए चाइल्डलाइन अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों, उनके माता-पिता और स्थानीय पुलिस को सुरक्षित रूप से सौंप दिया गया।

25 अक्टूबर को दीमापुर (नागालैंड) और चपरमुख (असम) की आरपीएफ टीमों ने बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। इन अभियानों के दौरान, कुल तीन भागे हुए नाबालिगों (दो लड़के और एक लड़की) को सफलतापूर्वक बचाया गया।

सभी बचाए गए बच्चों को बाद में सुरक्षित कस्टडी और आगे की देखभाल के लिए नामित चाइल्डलाइन अधिकारियों को सौंप दिया गया।

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि 'मेरी सहेली' पहल के तहत आरपीएफ की समर्पित महिला टीमें लगातार सक्रिय और सतर्क रही हैं। इस पहल का उद्देश्य महिला यात्रियों, विशेषकर अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना है। उनके निरंतर प्रयासों ने एनएफआर में महिला यात्रियों के लिए एक सुरक्षित यात्रा वातावरण बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

कपिंजल किशोर शर्मा ने कहा कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे का आरपीएफ समय पर हस्तक्षेप, गहन गश्त और विभिन्न यात्री अनुकूल उपायों के माध्यम से यात्री सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखता है, जिसमें महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है।

पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल के सात जिलों और उत्तरी बिहार के पांच जिलों में कार्यरत है।

Point of View

यह घटना न केवल नाबालिगों की सुरक्षा की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह हमारी सामाजिक जिम्मेदारी को भी उजागर करती है। इस प्रकार की पहलों को देशभर में बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
NationPress
02/11/2025

Frequently Asked Questions

आरपीएफ ने कितने नाबालिगों को बचाया?
आरपीएफ ने 10 नाबालिगों को बचाया, जिनमें 7 लड़के और 3 लड़कियां शामिल हैं।
'मेरी सहेली' पहल क्या है?
'मेरी सहेली' पहल का उद्देश्य महिला यात्रियों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करना है।
आरपीएफ का यह अभियान कब चलाया गया?
यह अभियान 25 से 30 अक्टूबर के बीच चलाया गया था।