क्या सुप्रीम कोर्ट आवारा कुत्तों के मामले पर सुनवाई करेगा?

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क्या सुप्रीम कोर्ट आवारा कुत्तों के मामले पर सुनवाई करेगा?

सारांश

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आवारा कुत्तों के प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई करेगा। सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है। यह सुनवाई पशु अधिकारों और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। क्या अदालत इस समस्या का समाधान निकाल पाएगी?

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
  • पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम को लागू करने में कई राज्यों की अनदेखी पर कड़ा रुख अपनाया गया है।
  • इस मामले का संबंध सार्वजनिक सुरक्षा और वैश्विक छवि से है।

नई दिल्ली, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को देशभर में आवारा कुत्तों के प्रबंधन से संबंधित मामले की सुनवाई करने जा रहा है। इस मामले को स्वत: संज्ञान में लेने के बाद, कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।

इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की विशेष पीठ द्वारा की जाएगी।

इससे पहले, इस पीठ ने पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) नियम, 2023 को लागू करने में कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की अनदेखी पर नाराजगी जताई थी।

27 अक्टूबर को पिछली सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने 22 अगस्त को जारी स्पष्ट आदेशों के बावजूद अधिकांश राज्य सरकारों के अनुपालन में विफलता पर कड़ा रुख अपनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केवल पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने ही अपने हलफनामे प्रस्तुत किए हैं।

जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा था, 'क्या अधिकारियों ने अखबार या सोशल मीडिया नहीं पढ़ा? यदि उन्हें नोटिस नहीं दिया गया तो भी हलफनामा यहां होना चाहिए था। सभी राज्यों के मुख्य सचिव 3 नवंबर को यहां मौजूद रहें।'

31 अक्टूबर को, सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के मुख्य सचिवों को वर्चुअल रूप से पेश होने की अनुमति देने के अनुरोध को खारिज कर दिया और कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होना होगा।

सर्वोच्च न्यायालय ने पहले सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एबीसी नियमों को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था, जिसमें नसबंदी अभियान, टीकाकरण कार्यक्रम और पशु आश्रयों की स्थापना शामिल है।

कोर्ट ने कहा था कि लगातार गैर-अनुपालन पर दंडात्मक उपाय और जुर्माना लगाया जा सकता है। इस मामले में कई निवासी कल्याण संघों और व्यक्तियों की ओर से हस्तक्षेप याचिकाएं आई हैं, जिन्हें सर्वोच्च न्यायालय बारीकी से देख रहा है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मुद्दा न केवल सार्वजनिक सुरक्षा बल्कि देश की वैश्विक छवि से भी जुड़ा है।

Point of View

बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा और पशु अधिकारों का भी प्रश्न है। सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सभी राज्यों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रही है।
NationPress
02/11/2025

Frequently Asked Questions

सुप्रीम कोर्ट कब सुनवाई करेगा?
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आवारा कुत्तों के मामले पर सुनवाई करेगा।
कौन से राज्यों के मुख्य सचिवों को बुलाया गया है?
सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को बुलाया गया है, सिवाय पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के।