क्या शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा की आत्महत्या में शिक्षकों की भूमिका है?

सारांश
Key Takeaways
- शिक्षकों की मानसिक प्रताड़ना से छात्रा ने आत्महत्या की।
- पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की और दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार किया।
- सुसाइड नोट में छात्रा ने शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए।
- यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रों और परिजनों का हंगामा।
- मामले ने शिक्षा व्यवस्था में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को उजागर किया।
नोएडा, १९ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ने आत्महत्या कर ली है। इस मामले में पुलिस ने दो शिक्षकों को गिरफ्तार किया है। हरियाणा के गुरुग्राम की निवासी इस छात्रा ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने महेंद्र सर और शैरग मैम पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया।
इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी परिसर में छात्रों और उनके परिजनों ने हंगामा किया और दोषी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने दोनों शिक्षकों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया।
छात्रा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, "अगर मेरी मौत होती है, तो इसके लिए पीसीपी और डेंटल मटेरियल के शिक्षक जिम्मेदार होंगे। महेंद्र सर और शैरग मैम ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उन्होंने मेरा अपमान किया। मैं लंबे समय से तनाव में थी। मैं चाहती हूं कि उन्हें भी वही दुख झेलना पड़े। माफ कीजिए, मैं अब और जी नहीं सकती।"
घटना की सूचना मिलते ही नॉलेज पार्क थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फॉरेंसिक टीम और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कमरे की गहन जांच की और सबूत इकट्ठा किए। परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया और दोनों शिक्षकों को गिरफ्तार किया।
छात्रा के परिजनों और सहपाठियों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका आरोप है कि छात्रा लंबे समय से कुछ शिक्षकों द्वारा मानसिक प्रताड़ना झेल रही थी, लेकिन बार-बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदर्शन के दौरान परिसर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई।
फिलहाल परिसर में शांति बहाल हो चुकी है। पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सुसाइड नोट की जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिजनों और छात्रों ने मांग की है कि दोषी शिक्षकों को कड़ी सजा दी जाए।