क्या इमाम उमर अहमद इलियासी ने मौलाना अरशद मदनी के बयान की निंदा की?

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क्या इमाम उमर अहमद इलियासी ने मौलाना अरशद मदनी के बयान की निंदा की?

सारांश

इमाम उमर अहमद इलियासी ने मौलाना अरशद मदनी के विवादास्पद बयान की निंदा की है, जिसमें उन्होंने देश में भय और अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। यह बयान मुस्लिम समुदाय की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाता है।

Key Takeaways

  • इमाम उमर अहमद इलियासी ने मौलाना अरशद मदनी के बयान की निंदा की।
  • उन्हें अपने बयान को वापस लेने की मांग की गई।
  • प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं का मुसलमानों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
  • धर्म का राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करना गलत है।
  • मौलाना मदनी को आतंकवाद के खिलाफ बोलना चाहिए था।

दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय इमाम संगठन के प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के हालिया बयान की कड़ी निंदा की है। इमाम उमर ने इसे देश में भय और अशांति फैलाने वाला करार दिया और मांग की कि मौलाना को अपने बयान को वापस लेना चाहिए।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा, "अरशद मदनी के बयान की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है। जिस प्रकार से उन्होंने यह बयान दिया है, उससे देश में भय का माहौल और अराजकता उत्पन्न होने का खतरा है। उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए और सच्चाई को उजागर करना चाहिए।"

इमाम उमर ने अरशद मदनी को जवाब देते हुए कहा, "भारत के मुसलमानों की तुलना अमेरिका और लंदन के मुसलमानों से नहीं की जा सकती है। भारत ने मुसलमानों को राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मुख्य न्यायाधीश दिए हैं।"

इस अवसर पर, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कहा कि उनके कार्यकाल में सिविल सर्विस में सबसे अधिक मुसलमान शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं से मुसलमानों को अत्यधिक लाभ पहुंचा है, जिसका उन्होंने कभी उल्लेख नहीं किया।"

मौलाना मदनी के अल फलाह यूनिवर्सिटी पर दिए बयान का जवाब देते हुए इमाम उमर ने कहा, "उन्हें आतंकवाद के खिलाफ बोलना चाहिए था। लाल किले के पास हुआ धमाका भारत की आत्मा पर हमला था। इसका खुलकर विरोध होना चाहिए था, लेकिन अफसोस है कि उन्होंने अल फलाह यूनिवर्सिटी के बारे में बात की, जबकि तीन संदिग्ध लोग उसी यूनिवर्सिटी से पकड़े गए।"

इमाम उमर अहमद इलियासी ने 'बाबरी मस्जिद' विवाद पर भी अपनी राय रखी और टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बयान को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, "धर्म या मस्जिद का उपयोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए करना पूरी तरह से गलत है। बाबर को पुनः जीवित करने की कोशिश देश के माहौल को खराब करने की साजिश है, और इसमें कहीं न कहीं बांग्लादेश की बू आ रही है।"

इमाम ने इस मामले की जांच की मांग भी उठाई।

Point of View

यह स्पष्ट है कि इमाम उमर अहमद इलियासी का बयान देश में साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण है। मौलाना अरशद मदनी जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों के बयान से समाज में तनाव बढ़ सकता है। ऐसे में सभी को जिम्मेदार और संयमित रहना चाहिए।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

इमाम उमर अहमद इलियासी ने क्यों बयान दिया?
उन्होंने मौलाना अरशद मदनी के बयान की निंदा की, जिसे उन्होंने देश में भय और अशांति फैलाने वाला बताया।
क्या इमाम उमर ने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की?
हाँ, इमाम उमर ने प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में मुसलमानों को मिलने वाले लाभ की भी सराहना की।
क्या इमाम उमर ने बाबरी मस्जिद विवाद पर कुछ कहा?
जी हाँ, उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि धर्म का राजनीतिक उपयोग गलत है।
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