क्या इंडिया ब्लॉक की बैठक से पहले मौजूदा मुद्दों पर उठेंगे सवाल?

सारांश
Key Takeaways
- इंडिया गठबंधन के 24 दलों की महत्वपूर्ण बैठक हुई।
- सरकार की नीतियों पर गंभीर चिंता जताई गई।
- आठ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई।
- विपक्ष ने एकजुटता दिखाई।
- जल्द एक फिजिकल मीटिंग आयोजित होगी।
नई दिल्ली, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है। इससे पूर्व, इंडिया गठबंधन के 24 राजनीतिक दलों ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें केंद्र सरकार की नीतियों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई। इस बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने की, जिसमें गठबंधन के महत्वपूर्ण नेताओं ने भाग लिया।
बैठक में आठ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई, जिनमें पहलगाम आतंकी हमला, एसआईआर अभियान, भारत की विदेश नीति, चुनाव आयोग का कथित पक्षपात, डिलिमिटेशन, जातिगत राजनीति, अहमदाबाद हादसा, और ऑपरेशन सिंदूर शामिल थे।
पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में नेताओं ने चिंता व्यक्त की कि क्या सभी आतंकवादी मारे गए हैं या नहीं, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। इस मुद्दे को सबसे गंभीर माना गया। बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर भी तीखा विरोध दर्ज किया गया। नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को इस पर स्पष्ट जवाब देना चाहिए।
विपक्ष ने एसआईआर अभियान के अंतर्गत सरकार की मंशा पर सवाल उठाए और इसे नागरिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला कहा। चुनाव आयोग की कार्यशैली पर भी कड़ी आलोचना की गई।
विपक्षी दलों ने आयोग पर भाजपा के पक्ष में झुकाव का आरोप लगाया। भारत की विदेश नीति को लेकर चिंताओं का भी इजहार किया गया, जिसमें कहा गया कि कैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की साख प्रभावित हो रही है। डिलिमिटेशन और जातिगत मुद्दों को भी बैठक में प्रमुखता से उठाया गया। नेताओं ने इन मुद्दों पर जल्दी ही संयुक्त रणनीति बनाने पर सहमति जताई।
बैठक के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सभी दलों का एक ही उद्देश्य है- देश के प्रति चिंता। हम सबका मकसद देशहित में सच्चाई को उजागर करना है।”
उन्होंने यह भी बताया कि बहुत जल्द इंडिया गठबंधन की एक फिजिकल मीटिंग आयोजित की जाएगी, जिसमें आगामी रणनीतियों पर चर्चा होगी।
अहमदाबाद हादसे का मुद्दा भी बैठक में उठा और इस पर सरकार से जवाबदेही की मांग की गई। विपक्ष ने स्पष्ट किया कि आगामी सत्र में गठबंधन सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की जा रही है।