क्या केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने इंडिगो संकट पर दिया प्रभावी जवाब?
सारांश
Key Takeaways
- इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों में रद्दीकरण और देरी हुई है।
- केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू ने विस्तृत जांच का आश्वासन दिया है।
- यात्रियों को रिफंड और बैगेज क्लेम की प्रक्रिया में राहत मिलेगी।
- सरकार ने प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए कदम उठाने का वादा किया है।
नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। देशभर में इंडिगो एयरलाइंस की सैकड़ों उड़ानों के रद्द होने और देरी के कारण यात्रियों को हो रही असुविधा के बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि चार डीजीसीए अधिकारियों के साथ एक विस्तृत जांच की जाएगी और उसी आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इंडिगो की उड़ानों में हो रही समस्याओं पर मंत्री राममोहन नायडू ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "पिछले तीन दिनों से हम निरंतर इस मामले पर काम कर रहे हैं। हमने इंडिगो, एयरपोर्ट संचालकों और सभी संबंधित पक्षों के साथ चर्चा की। हमारा मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि यात्रियों को एयरपोर्ट और यात्रा के दौरान कम से कम असुविधा हो।"
उन्होंने जानकारी दी कि सभी एयरपोर्ट पर परिचालन स्थिति काफी हद तक सामान्य हो गई है। आप देख सकते हैं कि स्थिति लगभग सामान्य है, हालांकि इंडिगो ने अस्थायी रूप से कुछ परिचालनों को कम किया है।
राममोहन नायडू ने बताया कि इंडिगो को अपने ऑपरेशन को जल्दी से सामान्य करने के लिए कहा गया है। यात्रियों को ध्यान में रखते हुए बैगेज क्लेम और रिफंड के मुद्दे पर भी इंडिगो को निर्देश दिए गए हैं। इंडिगो को 24 घंटे में रिफंड और 48 घंटे में बैगेज क्लेम की मांग को पूरा करना होगा।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने हवाई किराए के संबंध में कहा, "एक आदेश जारी करके कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि दूरी के अनुसार हवाई यात्रा के किराए को सीमित रखा जाए।"
उन्होंने आगे कहा, "हम इंडिगो के मौजूदा हालात की पूरी जांच कर रहे हैं। चार डीजीसीए अधिकारियों के साथ मिलकर विस्तृत जांच की जाएगी। जांच के परिणामों के आधार पर जहां आवश्यक होगा, सख्त कदम उठाए जाएंगे।"
इस बीच, मंत्री नायडू ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की 'सरकारी मोनोपोली मॉडल' वाली टिप्पणी पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी को समझना चाहिए कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह जनता से जुड़ा मामला है। उड्डयन क्षेत्र में सरकार की हमेशा कोशिश रही है कि प्रतिस्पर्धा बढ़े।"