क्या इतिहास में छुपाए गए तथ्यों को 'धुरंधर' में उजागर किया गया है?: विक्रम रंधावा
सारांश
Key Takeaways
- ‘धुरंधर’ फिल्म ने ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर किया है।
- विक्रम रंधावा का विरोध पर कड़ा बयान।
- फिल्म को देखने के लिए समाज में उत्साह है।
- सच्चाई को छुपाना गलत है।
- फिल्म का समर्थन करना चाहिए।
श्रीनगर, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने शुक्रवार को खाड़ी देशों में ‘धुरंधर’ फिल्म पर बैन लगाने की उठती मांग की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन लोगों को सच कड़वा लग रहा है, इसलिए ये सभी इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आज तक जिस सच्चाई को ये लोग छुपाते आए हैं, जब वही सच्चाई चिलचित्रों के माध्यम से जनता के सामने आ रही है तो इन लोगों को मिर्ची लग रही है। लेकिन हम इस विरोध को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते। इसके अलावा, मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है कि फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग क्यों उठाई जा रही है, जबकि हर कोई इसे पसंद कर रहा है। इसमें काम करने वाले अभिनेताओं ने भी इस फिल्म को बेहतरीन बनाने में अद्भुत काम किया है। यह दुर्भाग्य की बात है कि गल्फ कंट्री में इसका विरोध किया जा रहा है, क्योंकि वे इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
भाजपा विधायक ने कहा कि हमारे देश में ‘धुरंधर’ फिल्म को देखने का उत्साह है। समाज के हर वर्ग के लोगों ने इसे स्वीकार किया है। आज की तारीख में युवा इस फिल्म को देखने के लिए आतुर हैं। खास बात यह है कि फिल्म में अभिनेताओं ने अपने अद्भुत अभिनय से हर किसी को इसे देखने के लिए मजबूर कर दिया है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए। अब ऐसी स्थिति में गल्फ कंट्री के लोगों को इस फिल्म से आपत्ति क्यों है? मुझे यह समझ में नहीं आ रहा है। मुझे तो ऐसा कुछ भी फिल्म में नजर नहीं आया, जिससे इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग को उचित ठहराया जा सके। अगर इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाया गया है तो यह पूरी तरह से गलत है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। हम इस तरह के किसी भी कदम की आलोचना करते हैं।
वहीं, विक्रम रंधावा ने फिल्म को पाकिस्तान के विरोध में बताए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति को देखकर मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान के विरोध में किसी भी प्रकार की फिल्म बनाने की जरूरत है, क्योंकि पाकिस्तान के विरोध में वैसे ही पूरा माहौल बना हुआ है।
'धुरंधर' फिल्म में एक सैनिक के किरदार को दिखाए जाने पर विधायक विक्रम रंधावा ने कहा कि निश्चित रूप से कोई ऐसा सैनिक होगा, जिसने अपने शौर्य का परिचय देते हुए दुश्मनों को हराया होगा। ऐसी स्थिति में अगर फिल्म में उस सेना का किरदार दिखाया गया है तो किसी को आपत्ति क्यों हो रही है? मुझे लगता है कि हमें इस फिल्म का समर्थन करना चाहिए। लोगों से इसे देखने का आग्रह करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह एक अद्भुत फिल्म है, जिसे सभी लोगों को देखना चाहिए। इस फिल्म में पूरे तथ्यों को दिखाया गया है। इतिहास में कई ऐसे प्रसंग हैं, जिन्हें छुपाया गया है। ऐसी स्थिति में अगर आज की तारीख में किसी ऐतिहासिक तथ्य को फिल्मों के जरिए समाज के बीच लाने की कोशिश की जा रही है तो इससे किसी को भी कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब किसी धर्म पर आधारित फिल्म बनाई गई हो। इससे पहले भी धर्म पर आधारित फिल्में बनाई जाती रही हैं, लेकिन तब किसी को कोई आपत्ति नहीं थी। आज की तारीख में जब धर्म पर आधारित फिल्म बनाई जा रही है तो इन लोगों को दिक्कत हो रही है। ऐसे में हम इस तरह की स्थिति को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि इस फिल्म को किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर नहीं लेना चाहिए। इस फिल्म में सभी अभिनेताओं ने अभिनय किया है। ऐसी स्थिति में इसे व्यक्तिगत तौर पर लेने का कोई सवाल नहीं है।