क्या अचानक स्वास्थ्य कारण का हवाला देकर इस्तीफा देने से संदेह पैदा होता है? जगदीप धनखड़ पर कांग्रेस नेता डोटासरा

सारांश
Key Takeaways
- जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वास्थ्य कारणों से नहीं हो सकता।
- कांग्रेस नेता ने इसे भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाला बताया।
- भाजपा के भीतर असहमति और तनाव साफ नजर आ रहा है।
- किसानों के मुद्दों पर भाजपा की सोच को लेकर भी सवाल उठे हैं।
- यह इस्तीफा भविष्य की राजनीति की दिशा को प्रभावित कर सकता है।
सीकर, २२ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति का अचानक इस्तीफा देना चौंकाने वाला है और इसके पीछे केवल स्वास्थ्य कारण नहीं हो सकते।
कांग्रेस नेता डोटासरा ने कहा, "जगदीप धनखड़ पूरे दिन राज्यसभा की कार्यवाही संभालते हैं, विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और एकदम सक्रिय रहते हैं। ऐसे में अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा देना संदेह पैदा करता है।"
उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले कुछ समय से उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बेबाक बयानों से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व असहज हो गया था। डोटासरा ने कहा, "पिछले कुछ दिनों से उपराष्ट्रपति धनखड़ के बेबाक बयान भाजपा के हाईकमान को नागवार गुजरे।"
गोविंद सिंह डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में कहा, "उन्होंने (जगदीप धनखड़) जब कहा कि विपक्ष दुश्मन नहीं होता और उसका सम्मान होना चाहिए, तो यह बात किसी की अंतरात्मा से निकली थी। यही बयान भाजपा के लिए असहजता का कारण बना और संभवतः यही कारण है कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।"
कांग्रेस नेता ने कहा, "किसान के बेटे, खेती और किसानों के लिए भाजपा की कोई सोच नहीं है। भाजपा की नजर से पूरे देश को देखें और वह जो कहे वही करें, लेकिन उपराष्ट्रपति वह नहीं कर पाए। राजस्थान में भी ऐसा हुआ था। पहले काम करवाया और फिर पद से हटाया। अब उपराष्ट्रपति का भी इस्तीफा हुआ है, जो कई कलाइयां खोलेगा।"
डोटासरा ने कहा कि देश में नई भाजपा बन रही है, जिसमें 'हम दो-हमारे दो' के अलावा कोई नहीं है। अगर किसी ने अपने विवेक का उपयोग किया तो उसे अंजाम भुगतना पड़ता है। भाजपा में इस तरह का एक नया ट्रेंड चल रहा है, जो देश, लोकतंत्र, संविधान और सबके लिए खतरा है।
गोविंद सिंह डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा, "यह एम्स का बुलेटिन नहीं है कि जगदीप धनखड़ एक दिन भी कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, बोल नहीं सकेंगे। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जो दर्द महसूस किया, वह बड़ी ही शालीनता के साथ अपने इस्तीफे में लिखा।"
इस दौरान डोटासरा ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे को 'यूज एंड थ्रो' राजनीति का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति का इस्तीफा न सिर्फ भाजपा की कार्यशैली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भविष्य की राजनीति को भी प्रभावित करेगा।
उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए अंत में फिर दोहराया, "आज मान सकते हैं कि उपराष्ट्रपति धनखड़ का स्वास्थ्य ठीक नहीं, लेकिन एक न एक दिन सच्चाई सामने आएगी। उपराष्ट्रपति का स्वास्थ्य खराब है या वह अपना विवेक इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके चलते किसी दूसरे का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है, यह सब बातें जल्द ही सामने आएंगी।"