क्या झारखंड में बीडीओ को कुचलने की कोशिश से ईमानदारी की सजा मौत है?

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क्या झारखंड में बीडीओ को कुचलने की कोशिश से ईमानदारी की सजा मौत है?

सारांश

झारखंड में बीडीओ को कुचलने की कोशिश ने राजनीतिक भूचाल पैदा कर दिया है। बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ईमानदारी की कीमत मौत है। यह मामला आम जनता के लिए सुरक्षा के सवालों को उठाता है।

Key Takeaways

  • राज्य में ईमानदारी की कीमत
  • सुरक्षा के मुद्दों पर राजनीतिक बहस
  • पुलिस की कार्रवाई में कमी
  • सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा पर सवाल
  • माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता

गढ़वा, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के गढ़वा जिले में बालू तस्करों द्वारा B.D.O. को ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। इस घटना पर झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के शासन में ईमानदारी की सजा मौत है।

बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन से सवाल किया कि B.D.O. श्रवण कुमार की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन उठाएगा? यदि पुलिस माफिया और गुंडों का साथ देती है तो आम जनता की सुरक्षा का कौन ध्यान रखेगा? जब सरकार के अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो जनता आपसे सुरक्षा की क्या उम्मीद कर सकती है?

उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हेमंत सोरेन के शासन में ईमानदारी की सजा मौत है। अधिकांश सरकारी अधिकारी रिश्वतखोरी और तानाशाही का रास्ता अपनाने को मजबूर हैं, लेकिन जो ईमानदार हैं, वे अपनी जान को खतरे में डालकर ड्यूटी निभाने के लिए मजबूर हैं।"

गढ़वा जिले के उंटारी रोड में B.D.O. श्रवण कुमार अवैध बालू खनन की जांच करने गए थे, तभी खनन माफिया ने उन्हें ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास किया। इस हमले में B.D.O. और उनकी टीम किसी तरह बच गई। पुलिस ने घटना के काफी समय बाद मौके पर पहुंचकर आरोपियों पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा, "हेमंत सोरेन जी, अब B.D.O. श्रवण कुमार की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? पैसे की भूख ने इस सरकार की संवेदनाओं और पुलिस के कर्तव्यबोध को समाप्त कर दिया है।"

यह घटना सोमवार रात को पलामू के उंटारी रोड थाना क्षेत्र के सीढा गांव में हुई। B.D.O. श्रवण भगत (कुमार) अवैध बालू उठाव रोकने के लिए अपनी टीम के साथ निरीक्षण पर निकले थे। इसी दौरान, उन्होंने बिना नंबर वाले ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की, लेकिन चालक ने रफ्तार बढ़ा दी और ट्रैक्टर को अधिकारियों की ओर मोड़ दिया। अधिकारी और उनकी टीम किसी तरह बच गए, जबकि ट्रैक्टर पास की झोपड़ी में घुस गया, जिससे वहां बंधे मवेशी घायल हो गए।

घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और देर रात स्थिति को नियंत्रित किया। मंगलवार सुबह B.D.O. और थाना प्रभारी ने मिलकर घटनास्थल का दोबारा निरीक्षण किया। पुलिस का दावा है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

Point of View

तो आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद करना निराशाजनक है। यह घटना यह दर्शाती है कि सरकार को अपनी प्राथमिकताओं को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है।
NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

इस घटना में बीडीओ को क्या खतरा था?
बी.डी.ओ. श्रवण कुमार को अवैध बालू खनन की जांच के दौरान माफिया द्वारा ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की गई थी।
बाबूलाल मरांडी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के शासन में ईमानदारी की सजा मौत है और आम जनता की सुरक्षा पर सवाल उठाए।
पुलिस ने इस मामले में क्या किया?
पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।
क्या बीडीओ की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार लेगी?
इस मुद्दे पर बाबूलाल मरांडी ने सरकार से सवाल किया कि बीडीओ की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा।
इस घटना का राजनीतिक प्रभाव क्या है?
यह घटना झारखंड की राजनीति में सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मुद्दों को फिर से उभार सकती है।