क्या झारखंड के फादर पर छात्राओं के यौन शोषण का आरोप सही है?

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क्या झारखंड के फादर पर छात्राओं के यौन शोषण का आरोप सही है?

सारांश

झारखंड के लातेहार जिले में एक मिशनरी स्कूल के फादर पर छात्राओं के यौन शोषण का आरोप। भाजपा ने प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए हैं। क्या प्रशासन इस मामले को दबाने में संलिप्त है?

Key Takeaways

  • झारखंड के लातेहार जिले में एक मिशनरी स्कूल के फादर पर यौन शोषण का आरोप।
  • भाजपा ने प्रशासन पर मामले को दबाने का आरोप लगाया।
  • छात्राओं ने एक सप्ताह पहले आवाज उठाई।
  • अब तक पॉक्सो एक्ट के तहत कोई मामला दर्ज नहीं हुआ।
  • भाजपा ने मांग की है कि मामले की जांच झारखंड हाई कोर्ट के अधीन हो।

रांची, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के लातेहार जिले के एक मिशनरी स्कूल के फादर (शिक्षक) पर कई छात्राओं के यौन शोषण का गंभीर आरोप लगा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की झारखंड प्रदेश इकाई ने राज्य के शिक्षा विभाग और पुलिस-प्रशासन पर इस मामले को दबाने और लीपापोती करने का आरोप लगाया है।

रविवार को रांची में भाजपा कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि स्कूल के एक फादर ने पिछले दो वर्षों में कई छात्राओं के साथ यौन शोषण किया है। छात्राओं ने एक सप्ताह पहले इस मुद्दे पर आवाज उठाई, लेकिन अब तक पॉक्सो एक्ट के तहत कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है। यह पूरी तरह से कानून की अवहेलना है।

अजय साह ने कहा कि यदि किसी नाबालिग के साथ यौन हिंसा की जानकारी मिलती है, तो पॉक्सो एक्ट की धारा 19 और 21 के तहत यह अनिवार्य है कि उसे लिखित रूप में पुलिस को सूचित किया जाए। इसके बाद पुलिस को 24 घंटे के भीतर मामला सीडब्ल्यूसी और पॉक्सो कोर्ट में दर्ज कराना चाहिए।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ‘शंकर किसनराव खाडे बनाम महाराष्ट्र राज्य’ केस का हवाला देते हुए कहा कि जानकारी होने पर सूचना नहीं देना अपराध की श्रेणी में आता है। प्रेस वार्ता में अजय साह ने एक ऑडियो क्लिप सुनाते हुए बताया कि छात्राओं ने स्पष्ट रूप से स्कूल के फादर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। इसके बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब झारखंड में पॉक्सो कोर्ट का काम भी अफसर करेंगे? किस अधिकार से अफसर जांच कर रहे हैं और कार्रवाई नहीं कर रहे हैं? भाजपा ने मांग की है कि इस मामले में तुरंत पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए। साथ ही, पूरे मामले की जांच झारखंड हाई कोर्ट की “जुवेनाइल जस्टिस कम पॉक्सो कमिटी” की निगरानी में कराई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी पदाधिकारी मामले को दबाने में संलिप्त पाए जाएं, उनके खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 21 और अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जाए।

Point of View

यह आवश्यक है कि सभी मामलों की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो। यौन शोषण जैसे गंभीर मामलों में किसी भी प्रकार की लीपापोती नहीं होनी चाहिए। सरकार और प्रशासन को इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि न्याय सुनिश्चित किया जा सके।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या छात्राओं ने फादर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है?
हाँ, छात्राओं ने फादर पर यौन शोषण का आरोप लगाया है और भाजपा ने इस मामले की गंभीरता को उठाया है।
भाजपा ने प्रशासन पर कौन से आरोप लगाए हैं?
भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रशासन इस मामले को दबाने और लीपापोती करने की कोशिश कर रहा है।
क्या पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है?
अब तक इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
क्या न्यायालय ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है?
भाजपा ने मांग की है कि पूरे मामले की जांच झारखंड हाई कोर्ट की निगरानी में की जाए।
क्या प्रशासन फादर के खिलाफ कार्रवाई करेगा?
भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।