क्या झारखंड के लातेहार में पांच लाख के इनामी ब्रजेश यादव सहित दो उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया?
सारांश
Key Takeaways
- ब्रजेश यादव और अवधेश लोहरा ने आत्मसमर्पण किया।
- दोनों नक्सली गतिविधियों में सक्रिय थे।
- झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के तहत इनाम दिया गया।
- नक्सलियों का प्रभाव लातेहार में घट रहा है।
- इस वर्ष अब तक 21 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
लातेहार, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के सब-जोनल कमांडर ब्रजेश यादव उर्फ राकेश और एरिया कमांडर अवधेश लोहरा उर्फ रोहित ने बुधवार को लातेहार जिला मुख्यालय में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया।
ब्रजेश यादव लगभग दो दशकों से नक्सली गतिविधियों में संलग्न था। पहले वह माओवादी संगठन से जुड़ा था, और 2010 में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। 2018 में रिहा होने के बाद उसने जेजेएमपी संगठन में शामिल होकर सब-जोनल कमांडर का पद ग्रहण किया।
उस पर नक्सली हमले, हत्या, रंगदारी वसूली और अन्य मामलों में कुल 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं अवधेश लोहरा पर 5 आपराधिक मामले दर्ज हैं, और वह भी कई हिंसक घटनाओं तथा पुलिस पर हमलों में संलिप्त रहा है।
ब्रजेश यादव गुमला जिले के बिशनपुर थाना क्षेत्र के कठोकटवा गांव का निवासी है, जबकि अवधेश लोहरा लातेहार जिले के हेरहंज थाना क्षेत्र के बंदुवा गांव का निवासी है। दोनों ने पलामू रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) शैलेंद्र कुमार सिन्हा, लातेहार के पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, सीआरपीएफ 11वीं बटालियन के कमांडेंट यादराम बुनकर और एसएसबी 32वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार की उपस्थिति में आत्मसमर्पण किया।
पुलिस अधिकारियों ने दोनों का स्वागत गुलदस्ता और बुके देकर किया। झारखंड सरकार की सरेंडर पॉलिसी के अनुसार, इनामी नक्सली ब्रजेश यादव को पांच लाख रुपये का प्रतीकात्मक चेक भी सौंपा गया। इस कार्यक्रम में दोनों उग्रवादियों के परिजन भी उपस्थित थे। आईजी शैलेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि पुलिस की निरंतर कार्रवाई और जनता के सहयोग से लातेहार जिले में अब नक्सलियों का प्रभाव तेजी से घट रहा है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष अब तक कुल 21 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सिन्हा ने शेष नक्सलियों से भी आत्मसमर्पण की अपील करते हुए कहा कि “मुख्यधारा में लौटने वालों का स्वागत है, लेकिन हथियार उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” एसपी कुमार गौरव ने कहा कि पुलिस अभियानों की निरंतरता ने नक्सलियों के हौसले तोड़ दिए हैं और अब जेजेएमपी संगठन के महज चार से पांच सदस्य ही सक्रिय हैं।