क्या झारखंड में 1.61 करोड़ मतदाताओं की पैतृक मैपिंग पूरी हो गई है?

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क्या झारखंड में 1.61 करोड़ मतदाताओं की पैतृक मैपिंग पूरी हो गई है?

सारांश

झारखंड में एसआईआर की पहली मतदाता सूची की पैतृक मैपिंग का कार्य तेजी से चल रहा है, जिसमें 1.61 करोड़ मतदाताओं की मैपिंग पूरी की गई है। जानिए इस प्रक्रिया के महत्व और अधिकारियों के निर्देशों के बारे में।

Key Takeaways

  • झारखंड में 1.61 करोड़ मतदाताओं की पैतृक मैपिंग पूरी हुई।
  • 12 लाख मतदाता एएसडी श्रेणी में चिन्हित किए गए हैं।
  • मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने अधिकारियों को समयबद्धता पर जोर दिया।
  • पैतृक मैपिंग से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • बीएलओ को बैचवार प्रशिक्षण दिया जाएगा।

रांची, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड में एसआईआर की पहली मतदाता सूची की पैतृक मैपिंग का कार्य तेजी से संपन्न हो रहा है। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) के. रवि कुमार ने मंगलवार को जानकारी दी कि वर्तमान मतदाता सूची में कुल 1,61,55,740 मतदाताओं की पिछले एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की सूची से सफलतापूर्वक मैपिंग की जा चुकी है।

अब तक की प्रक्रिया में लगभग 12 लाख ऐसे मतदाताओं के नाम चिन्हित किए गए हैं, जो एब्सेंट, शिफ्टेड, या डेथ (एएसडी) की श्रेणी में आते हैं। सीईओ ने मंगलवार को उन विधानसभा क्षेत्रों के ईआरओ और सभी उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जहां पैतृक मैपिंग की प्रगति अपेक्षाकृत धीमी है।

उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह कार्य चुनाव आयोग की प्राथमिकता में है और इसे निश्चित समय सीमा के भीतर हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन मतदाताओं की पिछले एसआईआर से मैपिंग में कठिनाई आ रही है, उनके लिए संबंधित राज्यों की सीईओ वेबसाइट या भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के पोर्टल का उपयोग कर डेटा का सत्यापन सुनिश्चित किया जाए। अन्य राज्यों से आए मतदाता पैतृक जानकारी के लिए वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट गोवी डॉट इन और झारखंड के मतदाता सीईओ डॉट झारखंड डॉट गोवी डॉट इन का उपयोग कर सकते हैं।

सीईओ ने स्पष्ट कहा कि जिन बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) का प्रदर्शन कम है, उन्हें बैचवार प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बीएलओ अपने जिले के हेल्प डेस्क मैनेजर से तकनीकी सहायता लेते रहें, ताकि मैपिंग में किसी प्रकार की देरी न हो। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि बीएलओ के फील्ड में आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान करें।

रवि कुमार ने कहा कि मैपिंग के दौरान एएसडी सूची का मिलान अनिवार्य है। अधिक पैतृक मैपिंग से एसआईआर के दौरान दस्तावेजों की आवश्यकता कम होगी और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी तथा सुगम बनेगी। बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, नोडल पदाधिकारी देव दास दत्ता, उप निर्वाचन पदाधिकारी धीरज कुमार ठाकुर, और सभी जिलों के ईआरओ एवं उप निर्वाचन पदाधिकारी उपस्थित रहे।

Point of View

यह कहा जा सकता है कि झारखंड में मतदाता पैतृक मैपिंग एक सकारात्मक कदम है, जो चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाएगा। इस प्रकार की पहल से नागरिकों का विश्वास बढ़ेगा और चुनावी व्यवस्था में सुधार आएगा।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

पैतृक मैपिंग का महत्व क्या है?
पैतृक मैपिंग से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता बढ़ती है, जिससे मतदाता अपने अधिकारों का सही से उपयोग कर सकते हैं।
कितने मतदाताओं की मैपिंग की गई है?
झारखंड में कुल 1.61 करोड़ मतदाताओं की मैपिंग पूरी की गई है।
एएसडी श्रेणी में कौन से मतदाता आते हैं?
एएसडी श्रेणी में वे मतदाता आते हैं जो एब्सेंट, शिफ्टेड, या मृत हैं।
इस प्रक्रिया में अधिकारियों को क्या निर्देश दिए गए हैं?
अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पैतृक मैपिंग को समय पर पूरा करें और कठिनाइयों का त्वरित समाधान करें।
मतदाता जानकारी कैसे प्राप्त करें?
मतदाता जानकारी के लिए संबंधित राज्यों की सीईओ वेबसाइट या भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल का उपयोग किया जा सकता है।
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