क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव सबसे पहले अपने विभाग की समीक्षा करेंगे?

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क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव सबसे पहले अपने विभाग की समीक्षा करेंगे?

सारांश

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर तीखा हमला किया, जिसमें उन्होंने मंत्रियों की समीक्षा के लिए मोहन यादव को अपने विभाग की समीक्षा करने की सलाह दी। क्या यह सही समय है कि मुख्यमंत्री अपने विभाग को प्राथमिकता दें?

Key Takeaways

  • मुख्यमंत्री मोहन यादव को अपने विभाग की समीक्षा करनी चाहिए।
  • कृषि मंत्री के पास गंभीर आरोप हैं।
  • मध्य प्रदेश का गृह विभाग अपेक्षा से कमतर काम कर रहा है।

भोपाल, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के उस बयान पर तीखा हमला किया है जिसमें उन्होंने मंत्रियों और विभागों की दो वर्ष की समीक्षा करने का उल्लेख किया है। जीतू पटवारी ने इस समीक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव को सबसे पहले अपने विभाग की समीक्षा करनी चाहिए।

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने इसे एक दिखावटी समीक्षा बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास राज्य का सबसे बड़ा विभाग है और गृह मंत्रालय ने अपने आधिकारिक आंकड़ों में स्पष्ट कहा था कि मध्य प्रदेश का गृह विभाग अपेक्षा से सबसे कमतर काम कर रहा है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि जब मध्य प्रदेश के गृह विभाग पर सवाल उठ रहे हैं, तो मुख्यमंत्री को इससे बड़ा प्रमाण क्या चाहिए? समीक्षा की शुरुआत उन्हें अपने विभाग से करनी चाहिए।

राज्य के किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि मंत्री के विभाग में नकली बीज घोटाले, परमिट के दुरुपयोग और बीमा कंपनियों की मिलीभगत के बारे में सीएजी की रिपोर्ट में स्पष्ट टिप्पणियां दर्ज हैं। मुख्यमंत्री बताएं क्या वे कृषि मंत्री पर कोई कार्रवाई करेंगे? स्कूल शिक्षा विभाग की स्थिति भी गंभीर है, 50 लाख बच्चे गायब हैं, बजट बढ़ा है, और भ्रष्टाचार भी बढ़ा है।

परिवहन विभाग के घोटाले की चर्चा करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने टोल बंद होने का दावा किया था, जबकि सभी टोल पहले की तरह चालू हैं। क्या परिवहन मंत्री इस्तीफा देंगे? इसी तरह सहकारिता की गतिविधियाँ किसी से छुपी नहीं हैं।

राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं का हवाला देते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "स्वास्थ्य मंत्रालय की लापरवाही से 26 बच्चों की मौत हो चुकी है और नकली दवाइयों और कुपोषण पर भी सरकार का रवैया उदासीन है। सीएजी की विस्तृत रिपोर्ट सरकार की विफलताओं का आईना है। लोक निर्माण विभाग से जुड़ी घटनाएं रोज सामने आ रही हैं। 40 प्रतिशत कमीशन का खेल जारी है, और यही कारण है कि सड़कें टूट रही हैं और पुल गिर रहे हैं।"

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि जनता के मुद्दों पर राजनीतिक नेताओं की जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण होती है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने समीक्षा कब की?
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंत्रियों और विभागों की दो वर्ष की समीक्षा करने की बात की है।
जीतू पटवारी ने क्या कहा?
जीतू पटवारी ने कहा कि मोहन यादव को सबसे पहले अपने विभाग की समीक्षा करनी चाहिए।
कृषि मंत्री पर क्या आरोप लगे हैं?
कृषि मंत्री के विभाग में नकली बीज घोटाले और बीमा कंपनियों की मिलीभगत के आरोप लगे हैं।
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