क्या बिहार चुनाव में जेएमएम ने बार-बार यू-टर्न लिया है?

सारांश
Key Takeaways
- जेएमएम का बार-बार यू-टर्न
- भाजपा का कटाक्ष
- महागठबंधन से अलगाव
- राजनीतिक समीकरणों का परिवर्तन
- झारखंडी अस्मिता की रक्षा
रांची, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बिहार विधानसभा चुनाव से दूर रहने और महागठबंधन से अलग होने के फैसले पर कटाक्ष किया है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जेएमएम ने बिहार चुनाव में इतने बार अपने स्टैंड से यू-टर्न लिया कि अब इसे ‘जेएमएम (यू)’ कहना ठीक होगा।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पहले जेएमएम ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी, लेकिन बाद में यह संख्या घटकर 12 रह गई। इसके बाद महागठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की गई और यह दावा किया गया कि झामुमो कई सीटों पर चुनाव लड़ेगा। फिर, पार्टी ने घोषणा की कि उसके उम्मीदवार महागठबंधन के तहत तीन सीटों पर उतरेंगे। हालांकि, जब महागठबंधन ने उनकी अनदेखी की तो जेएमएम ने रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 6 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान किया, लेकिन 24 घंटे के भीतर फिर से यू-टर्न लेते हुए पार्टी ने किसी भी सीट पर नामांकन नहीं किया।
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि इस घटनाक्रम से झारखंडी अस्मिता बिहार के राजनीतिक चौराहे पर बिखर गई है। जेएमएम ने लंबे समय तक गठबंधन में अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया, लेकिन उसे निराशा ही मिली।
प्रतुल ने कहा कि जेएमएम के वरिष्ठ नेताओं ने स्वीकार किया है कि राजद और कांग्रेस ने उनके लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं। उन्होंने आगे बताया कि जेएमएम के मंत्री और महासचिव ने अब गठबंधन की समीक्षा करने का ऐलान किया है। झारखंड की जनता बेसब्री से देख रही है कि क्या समीक्षा के बाद कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। क्या मुख्यमंत्री राजद को मंत्रिमंडल से बाहर करेंगे, या कांग्रेस के मंत्रियों को भी हटाया जाएगा? या फिर यह समीक्षा केवल दिखावा साबित होगी?
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भविष्य यह निर्धारित करेगा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अपने पिता शिबू सोरेन की विरासत की रक्षा कर पाएंगे या सत्ता में बने रहने के लिए जेएमएम दो बड़े दलों के सामने झुक जाएगा।