क्या कांग्रेस में टिकट केवल पैसे देने वालों को मिलता है? कुमार शैलेंद्र का आरोप
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस अब एक कार्यकर्ता आधारित पार्टी नहीं रह गई है।
- टिकट पाने के लिए पैसे का महत्व बढ़ गया है।
- राजनीतिक परिवारों का दबदबा बढ़ रहा है।
- तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए हैं।
- लोकतंत्र और मशीनरी के बीच का संबंध विवाद का विषय है।
पटना, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता कुमार शैलेंद्र ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी की वर्तमान स्थिति यह है कि जो भी पैसे देगा, उसे चुनाव में टिकट प्राप्त होगा। आज कांग्रेस एक कार्यकर्ताओं की पार्टी नहीं रह गई, बल्कि यह पूंजीपतियों की पार्टी बन चुकी है।
कुमार शैलेंद्र का यह बयान उस समय आया है, जब नवजोत कौर सिद्धू ने यह आरोप लगाया कि जो भी 500 करोड़ रुपए का सूटकेस देगा, वह मुख्यमंत्री बन जाएगा।
भाजपा नेता ने कहा कि नवजोत कौर सिद्धू का बयान गलत नहीं है। कांग्रेस अब एक सिद्धांत आधारित राजनीतिक संगठन नहीं है। यह एक परिवार केंद्रित पार्टी बन गई है, जिस पर कुछ प्रभावशाली परिवारों का प्रभुत्व है। इसके कई छोटे नेता भी केवल पारिवारिक हितों तक सीमित हैं। ऐसा लगता है कि कांग्रेस के लिए भविष्य में और भी कठिनाइयाँ आने वाली हैं। आज यह एक ऐसी पार्टी बन गई है जहां टिकट केवल उन्हें दिए जाते हैं जो पैसे देते हैं, और इसके निर्णयों में कोई सर्वे या दृष्टिकोण काम नहीं करता। कांग्रेस में आपसी तालमेल की कमी है।
टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को उठाना बेकार है। यदि कोई चुना हुआ प्रतिनिधि ऐसे कदम का समर्थन करता है, तो वे देश के हितों के खिलाफ जा रहे हैं।
राजद नेता तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति पर कुमार शैलेंद्र ने कहा कि तेजस्वी यादव कभी असेंबली में नहीं होते। इसका अर्थ है कि वह उन लोगों की भावनाओं की अनदेखी कर रहे हैं जिन्होंने उन्हें वोट दिया। उन्हें इतना बड़ा बहुमत मिला, फिर भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का अपमान करते हुए देश छोड़ दिया। विदेश से अब वह कहते हैं कि लोकतंत्र हार गया और मशीनरी जीत गई। पहले तो वह चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। दूसरा, यदि वह यह कहते हैं कि 'मशीनरी जीत गई,' तो मैं तेजस्वी यादव से पूछना चाहता हूं कि आप किसे गलतफहमी में डालने की कोशिश कर रहे हैं।