क्या कर्नाटक में पूर्व मंत्री के करीबी रिश्तेदारों के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने कर्नाटक में 16 स्थानों पर छापेमारी की।
- सरकारी धन की हेराफेरी के गंभीर आरोप हैं।
- कर्नाटक उच्च न्यायालय जांच की निगरानी कर रहा है।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कुल 16 स्थानों पर छापेमारी की है, जो कि वाल्मीकि कॉर्पोरेशन मामले से संबंधित है। इस मामले में आरोप है कि तत्कालीन कर्नाटक मंत्री के रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों ने सरकारी धन की हेराफेरी की।
सीबीआई ने आज, यानी 15 सितंबर 2025 को यह छापेमारी की, और मंत्री की बहन, बहनोई, व्यक्तिगत सहायक (पीए) सहित अन्य करीबी लोगों के ठिकानों पर जाकर गबन से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, संपत्ति के कागजात, बैंक स्टेटमेंट्स, और उन वाहनों के विवरण को बरामद किया है जिनके बारे में संदेह है कि उन्हें आपराधिक गतिविधियों से अर्जित धन से खरीदा गया था।
यह मामला 3 जून 2024 को सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था, जब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी जनरल मैनेजर (डीजीएम) द्वारा एक लिखित शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कर्नाटक सरकार के महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड (केएमवीएसटीडीसीएल), जिसे वाल्मीकि कॉरपोरेशन भी कहा जाता है, के खाते से 84.63 करोड़ रुपए का गबन हुआ है। यह गबन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एमजी रोड शाखा, बेंगलुरु से 21 फरवरी 2024 से 6 मई 2024 के बीच किया गया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय इस मामले की जांच की निगरानी कर रहा है और अब तक सीबीआई ने चार स्टेटस रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत की हैं।
जांच के दौरान, अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग और कर्नाटका जर्मन टेक्निकल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (केजीटीटीआई) के सरकारी धन के गबन के और भी मामले सामने आए हैं। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इन आरोपों की जांच के लिए सीबीआई को अनुमति दी है।
सीबीआई की जांच में यह सामने आया कि अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के खाते से बैंक ऑफ बड़ौदा, सिद्धैया रोड शाखा, बेंगलुरु में रखे गए 2.17 करोड़ रुपए निजी कंपनी के खाते में ट्रांसफर किए गए थे, जो तत्कालीन मंत्री के करीबी सहयोगी की थी। इनमें से लगभग 1.20 करोड़ रुपए मंत्री की बहन, बहनोई और पीए के खातों में भी ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा, बेल्लारी में स्थित एक फार्म हाउस के मालिक को भी कुछ धन भेजा गया था, जहां मंत्री अक्सर रहते थे।
वहीं, केजीटीटीआई के खाते से 64 लाख रुपए की राशि कैनरा बैंक, विल्सन गार्डन शाखा, बेंगलुरु से मंत्री के करीबी रिश्तेदारों के खातों में माध्यमिक कंपनियों के जरिए ट्रांसफर की गई थी। सीबीआई ने मामले की जांच जारी रखी है और आगे की कार्रवाई की योजना बनाई है।