क्या काशी तमिल संगमम से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना मजबूत होती है?: पीएम मोदी

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क्या काशी तमिल संगमम से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना मजबूत होती है?: पीएम मोदी

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी तमिल संगमम के उद्घाटन पर इसे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूती प्रदान करने वाला बताया। यह कार्यक्रम उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को स्थापित करने का एक प्रयास है। जानिए इस महत्वपूर्ण आयोजन के बारे में और क्या है इसका महत्व?

Key Takeaways

  • काशी तमिल संगमम सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक आदान-प्रदान का महत्वपूर्ण माध्यम है।
  • यह कार्यक्रम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा देता है।
  • इस बार की थीम “तमिल सीखें” है, जो भाषा की समृद्धि को प्रोत्साहित करती है।
  • कार्यक्रम का समापन रामेश्वरम में होगा।
  • यह आयोजन उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार से आरंभ हुए ‘काशी तमिल संगमम’ के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह जीवंत कार्यक्रम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को और गहरा करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, “काशी तमिल संगमम आज प्रारंभ हो रहा है। यह जीवंत कार्यक्रम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को गहराता है। संगमम में शामिल होने आ रहे सभी लोगों को काशी में सुखद और यादगार प्रवास की शुभकामनाएं!”

काशी तमिल संगमम का चौथा संस्करण 2 से 15 दिसंबर तक चल रहा है। यह तमिलनाडु और वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के बीच सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान का प्रमुख कार्यक्रम है।

इस पहल की शुरुआत 2022 में हुई थी, जिसका उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सभ्यता, भाषाई और आध्यात्मिक संबंधों को फिर से प्रगाढ़ करना है।

कार्यक्रम के शुभारंभ से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर उत्साह व्यक्त किया।

उन्होंने लिखा, “आज पवित्र नगरी वाराणसी, बाबा विश्वनाथ की धरती पर आरंभ होने वाला ‘काशी तमिल संगमम’ ‘एक भारत–श्रेष्ठ भारत’ का जीवंत उदाहरण है। यह भव्य आयोजन ‘लेट अस लर्न तमिल’ थीम के साथ उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति और परंपराओं को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बनेगा।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ‘न्यू इंडिया’ वैदिक और सांस्कृतिक चेतना के शिखर पर पहुंच रहा है।

पहला संस्करण (2022) लगभग एक महीने तक आयोजित हुआ था, जिसमें दोनों राज्यों के विद्वानों, छात्रों, कलाकारों और श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया था और ये इसका चौथा संस्करण है, जिसकी शुरुआत वाराणसी में मंगलवार से हुई और जिसका समापन समारोह रामेश्वरम में आयोजित किया जाएगा, जो भारत के उत्तर और दक्षिण के पवित्र छोरों के प्रतीकात्मक जुड़ाव को दर्शाता है।

इस बार का थीम “तमिल सीखें” रखा गया है। इसका उद्देश्य तमिल भाषा की समृद्धि और शास्त्रीय साहित्यिक विरासत को प्रोत्साहित करना है, विशेषकर उत्तर भारतीय छात्रों को इस विरासत से जोड़ना है।

काशी तमिल संगमम फिर एक बार उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का सेतु बनने की ओर अग्रसर है।

Point of View

काशी तमिल संगमम न केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान का माध्यम है, बल्कि यह एकता और विविधता का प्रतीक भी है। यह कार्यक्रम हमें हमारे सांस्कृतिक धरोहर को समझने और सराहने का अवसर प्रदान करता है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

काशी तमिल संगमम का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सभ्यता, भाषाई और आध्यात्मिक संबंधों को फिर से प्रगाढ़ करना है।
इस कार्यक्रम की थीम क्या है?
इस बार की थीम 'तमिल सीखें' रखी गई है।
यह कार्यक्रम कब तक चलेगा?
यह कार्यक्रम 2 से 15 दिसंबर तक चलेगा।
प्रमुख लोगों में कौन शामिल हैं?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रमुख व्यक्ति हैं।
क्या इस कार्यक्रम में भाग लेना संभव है?
हां, संगमम में शामिल होने के लिए सभी को आमंत्रित किया गया है।
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