क्या 'कायस्थ महापंचायत' में मतदान दिवस को 'कर्तव्य दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया?

सारांश
Key Takeaways
- कायस्थ महापंचायत ने मतदान दिवस को कर्तव्य दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
- स्टैच्यू ऑफ विजडम की मांग उठाई गई।
- कायस्थ समाज में एकता की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- राष्ट्रीय जाति जनगणना के लिए वैज्ञानिक पद्धति की मांग की गई।
- कायस्थ विभूति सम्मान से समाज के प्रमुख व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
पटना, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना के ज्ञान भवन में रविवार को राज्यभर की चित्रगुप्त पूजा समितियों और कायस्थ समाज के प्रमुख व्यक्तियों की ओर से राज्यस्तरीय "कायस्थ महापंचायत 2025" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज, जेडीयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा, विधायक अरुण सिन्हा और कार्यक्रम संयोजक मनीष सिन्हा ने मिलकर दीप प्रज्वलित करके किया।
कायस्थ महापंचायत के पहले अधिवेशन में बिहार भाजपा एनआरआई सेल के संयोजक मनीष सिन्हा ने कहा कि समाज में एकता की कमी का एक नैरेटिव है, संख्या कम है, लेकिन प्रभाव अधिक है। सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ बुद्धि, अनुशासन, योजना, स्वाभिमान और न्यायप्रियता का पालन करने वाले सही मायने में कायस्थ हैं। इस विश्व के पहले डिजिटल पंचायत में दुबई, हल्द्वानी, दिल्ली, गाजियाबाद और सम्पूर्ण बिहार से आए अतिथियों के समक्ष पांच प्रस्ताव पारित किए गए। इन प्रस्तावों में प्रत्येक मतदान दिवस को "सामुदायिक कर्तव्य दिवस" के रूप में मनाने और अधिकतम मतदान सुनिश्चित करने, "राष्ट्रीय कायस्थ समन्वय परिषद" की स्थापना और "स्टैच्यू ऑफ विजडम" के निर्माण की मांग शामिल है।
महापंचायत ने मांग की है कि आगामी राष्ट्रीय जाति जनगणना में वैज्ञानिक एवं समग्र पद्धति अपनाई जाए ताकि देश के सभी 29 राज्यों में फैले कायस्थ समाज और उनके उप-समुदायों की वास्तविक संख्या को दर्ज किया जा सके। कार्यक्रम में अजय आलोक ने कहा कि कायस्थों का मतदान हमेशा राष्ट्रवाद के समर्थन में सनातन के प्रति समर्पित रहा है। हमारी कमी है कि हम स्वयं में जीते हैं। अपनी ही उपेक्षा और बिखरी हुई वोट शक्ति से कायस्थ समाज राजनीतिक अस्तित्व पर कमजोर कर रहा है। एकजुट होना जरूरी है।
इस अवसर पर चक्रपाणि महाराज ने कहा कि कायस्थ समाज हर चुनाव में एकजुट होकर अपनी चुनाव शक्ति का प्रयोग राष्ट्रहित में करेगा। कार्यक्रम में अरुण सिन्हा ने अपनी बात रखते हुए इस आयोजन के लिए मनीष सिन्हा को विशेष धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कायस्थ हमेशा समाज में शांति स्थापित करने के लिए जाने जाते हैं। इसके साथ अपील की कि समाज को अपने जनसंख्या को बढ़ाने पर भी जोर देने की आवश्यकता है। हमारे लिए सौभाग्य की बात है, कायस्थ समाज एक बुद्धिजीवी समाज है।
विधायक संजीव चौरसिया ने कहा कि कायस्थ जाति हमेशा से राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगी रही है। मुझे हमेशा से इस जाति का समर्थन मिलता है। मनीष सिन्हा ने देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के नाम पर पटना में "स्टैच्यू ऑफ विजडम" बनाने की मांग का प्रस्ताव पेश किया, इस प्रस्ताव पर भी चक्रपाणि महाराज ने मुहर लगाई। कार्यक्रम में संबोधन के दौरान ऋतुराज सिन्हा ने बिहार में जातीय सर्वेक्षण में लगभग 7.50 लाख की हमारी आबादी बताई जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि हमारे समाज के लिए यह एक बड़ी चोट है। उन्होंने कहा, "मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं लौटकर वापस आऊंगा!"
कार्यक्रम में लोगों ने बिहार में चित्रगुप्त यूनिवर्सिटी खोलने की भी मांग की। इस कार्यक्रम में कायस्थ समाज के प्रमुख व्यक्तियों को समाज में उनके योगदान के लिए "कायस्थ विभूति सम्मान" से सम्मानित किया गया।