क्या कब्ज है सौ बीमारियों की जड़, जानिए आयुर्वेद के उपाय?

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क्या कब्ज है सौ बीमारियों की जड़, जानिए आयुर्वेद के उपाय?

सारांश

कब्ज एक आम समस्या है जो कई बीमारियों का कारण बन सकती है। इसके प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में जानें जो आपको राहत प्रदान कर सकते हैं। क्या आप जानते हैं कि सही आदतें कैसे आपकी सेहत में सुधार कर सकती हैं?

Key Takeaways

  • त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।
  • गुनगुना पानी सुबह उठते ही पिएं।
  • फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाएं।
  • 10-15 मिनट योगासन करें।
  • तनाव से बचें और नियमितता बनाए रखें।

नई दिल्ली, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। यदि सुबह आपका पेट साफ नहीं होता है, तो पूरा दिन थका हुआ महसूस होता है। सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, जोड़ों में दर्द, बवासीर, और बार-बार बीमार पड़ना ये सब कब्ज के कारण होते हैं। आयुर्वेद में इसे ‘मलावरोध’ कहा जाता है। आयुर्वेद कब्ज से राहत पाने के लिए सरल उपाय प्रदान करता है।

आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, कब्ज का मुख्य कारण वात दोष का बढ़ना, पाचन अग्नि का कमजोर होना और शरीर में विषैले तत्वों का (आम) जमा होना है। अधिक जंक फूड, कम पानी पीना, देर रात खाना, तनाव, व्यायाम का अभाव और सुबह शौच रोकना कब्ज के बड़े दुश्मन हैं। जब आंतों में वायु का स्तर बढ़ता है, तो मल सूख जाता है और आसानी से बाहर नहीं निकलता। लंबे समय तक ऐसा रहने से विषैले तत्व पूरे शरीर में फैल जाते हैं और नई-नई बीमारियों का कारण बनते हैं।

आयुर्वेद में कब्ज का उपचार बेहद सरल और बिना किसी साइड इफेक्ट के होता है। दैनिक आदतों में छोटे-छोटे परिवर्तन से कुछ ही दिनों में फर्क दिखाई देता है।

रात में सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें। इससे सुबह पेट साफ होता है। 1-2 चम्मच इसबगोल की भूसी को दूध या पानी में मिलाकर लेने से सुबह कोई परेशानी नहीं होती।

खाने में 1-2 चम्मच देसी घी डालना भी फायदेमंद होता है। सुबह उठते ही 2-3 गिलास गुनगुना पानी पीना भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। रोजाना पपीता, पका केला, अंजीर, किशमिश, चुकंदर, पालक, चोकर वाला आटा, ओट्स और मोटे अनाज का सेवन करने से भी राहत मिलती है।

आयुर्वेद में कहा गया है, "जब पाचन अग्नि तेज होगी, वात संतुलित रहेगा और रोज सुबह पेट साफ होगा, तो न कब्ज होगा न कोई अन्य रोग परेशान करेगा।"

कब्ज की समस्या से बचने के लिए रात में 7-8 बजे तक हल्का भोजन कर लेना चाहिए। तला-भुना खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज करना चाहिए।

10-15 मिनट पवनमुक्तासन, वज्रासन, भुजंगासन और मालासन करना भी लाभकारी होता है। तनाव से दूर रहें, रोज एक ही समय पर सोएं, उठें और शौच जाएं।

यदि समस्या अधिक हो तो आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेना आवश्यक है।

Point of View

बल्कि यह समाज में कई लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। आयुर्वेदिक उपायों का उपयोग कर इसे नियंत्रित करना न केवल सेहत के लिए बल्कि सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

कब्ज से राहत पाने के लिए क्या उपाय हैं?
रात में त्रिफला चूर्ण लेना, गुनगुना पानी पीना, और फाइबर युक्त आहार का सेवन करना फायदेमंद है।
कब्ज के लिए कौन से खाद्य पदार्थ अच्छे हैं?
पपीता, केला, अंजीर, किशमिश, चुकंदर और ओट्स जैसे खाद्य पदार्थ कब्ज से राहत देने में मदद करते हैं।
कब्ज की समस्या कब गंभीर हो जाती है?
यदि कब्ज की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या योगासन करने से कब्ज में मदद मिलती है?
हां, पवनमुक्तासन, वज्रासन और भुजंगासन जैसे योगासन कब्ज में राहत देने में सहायक होते हैं।
कब्ज से बचने के लिए दिनचर्या में क्या बदलाव करना चाहिए?
सही समय पर खाना, तनाव से दूर रहना और नियमित व्यायाम करना आवश्यक है।
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