क्या केंद्र और राज्य सरकार के हस्तक्षेप से ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूरों की घर वापसी संभव हुई?
सारांश
Key Takeaways
- झारखंड सरकार और केंद्र सरकार ने त्वरित कार्रवाई की।
- मजदूरों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई।
- बकाया वेतन का भुगतान किया गया।
- मजदूरों ने सरकार और कंपनी के प्रति आभार व्यक्त किया।
- खुशियों की लहर झारखंड में उनके परिवारों में दौड़ गई।
रांची, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड राज्य सरकार की सक्रियता और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के फलस्वरूप अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूरों की घर वापसी का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
सभी मजदूर 4 नवंबर को ट्यूनीशिया से भारत की ओर उड़ान भरेंगे। 5 नवंबर को मुंबई के छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद वे अपने-अपने गृह जिले लौटेंगे। ये सभी लोग एलएंडटी की परियोजनाओं के लिए आउटसोर्सिंग के तहत काम करने वाली प्रेम कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधीन काम करने के लिए झारखंड के तीन जिलों से ले जाए गए थे, लेकिन उन्हें तीन महीने से वेतन का भुगतान नहीं किया गया था।
हाल ही में, इन मजदूरों ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी दयनीय स्थिति के बारे में बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार से मदद की गुहार की थी। उन्होंने कहा कि उन्हें धोखे से विदेश ले जाया गया और वहां बिना वेतन दिए उनसे लगातार काम कराया जा रहा था।
कंपनी ने उनके पासपोर्ट भी अपने पास रख लिए थे। जैसे ही मामला उजागर हुआ, झारखंड सरकार ने तुरंत विदेश मंत्रालय से संपर्क किया। इसके बाद त्वरित कार्रवाई शुरू हुई। सरकार के हस्तक्षेप के बाद एलएंडटी कंपनी का प्रबंधन भी सक्रिय हुआ।
आखिरकार, मजदूरों से काम लेने वाली आउटसोर्सिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बकाया वेतन का पूरा भुगतान किया और उनके स्वदेश लौटने की व्यवस्था सुनिश्चित की। एलएंडटी के अधिकारियों के अनुसार, मजदूरों की वापसी के सभी औपचारिक इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।
सभी मजदूर हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के निवासी हैं। वे 4 नवंबर को ट्यूनीशिया से मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरेंगे। इस बीच, मजदूरों ने एक नया वीडियो जारी कर सरकार और एलएंडटी कंपनी के प्रति आभार व्यक्त किया है। मजदूरों की सुरक्षित वापसी की खबर से झारखंड में उनके परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है।