क्या भाजपा के सत्ता में आने से राज्यों की पहचान मिट जाएगी? - सीएम पिनराई विजयन

Key Takeaways
- केरल की पहचान को खतरा है यदि आरएसएस का प्रभाव बढ़ता है।
- सांस्कृतिक स्वच्छता और समानता की रक्षा आवश्यक है।
- संविधान अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देता है।
- राजनीतिक एकता का महत्व है।
- सामाजिक सद्भाव को बनाए रखना होगा।
कन्नूर, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखी आलोचना की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि राज्य में आरएसएस का प्रभाव बढ़ता है, तो केरल की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान हमेशा के लिए बदल जाएगी। यह बयान सीएम ने मंगलवार शाम कन्नूर जिला समिति कार्यालय में अझिकोडन स्मारक हॉल के उद्घाटन समारोह के दौरान दिया। इस कार्यक्रम में सीपीआई(एम) के वरिष्ठ नेता, स्थानीय कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में जनता उपस्थित थी।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि शाह का यह दावा कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिलेगा, सभी के लिए खतरे की घंटी है। अमित शाह ने मलयाला मनोरमा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा को 25 प्रतिशत वोट प्राप्त होंगे और विधानसभा चुनावों में बहुमत हासिल होगा।
विजयन ने कहा, " गृह मंत्री अमित शाह भाजपा के शीर्ष नेताओं में से एक हैं। उनकी बातों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह केवल सीपीआई(एम) या एलडीएफ (लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट) का मुद्दा नहीं, बल्कि पूरे केरल समाज का सवाल है।"
उन्होंने केरल की अनूठी सामाजिक विशेषताओं का उदाहरण देते हुए बताया कि शाह से जुड़े एक संगठन के शीर्ष नेता हाल ही में केरल आए थे। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ गांवों का दौरा किया और वहां साफ-सुथरे कपड़े पहने लोगों तथा स्वच्छ सड़कों को देखकर हैरान रह गए।
उन्होंने ड्राइवर से कहा कि वे राज्य के अन्य हिस्सों में फिर आएंगे, क्योंकि उन्हें केरल के बारे में कुछ और ही सुनने को मिला था। सीएम ने कहा, "यह केरल की सच्ची तस्वीर है – एक ऐसा राज्य जहां समानता, स्वच्छता और सद्भाव का राज है।"
विजयन ने सवाल उठाया कि क्या यह स्वाभाविकता यूं ही बनी रहेगी? यदि आरएसएस की विचारधारा यहां हावी हो गई, तो हमारी जमीन वैसी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, "हम अपनी पसंद के पूजा स्थल पर जा सकते हैं, अपनी इच्छानुसार खाना खा सकते हैं, क्योंकि आरएसएस का केरल पर कब्जा नहीं है। लेकिन जहां संघ परिवार सत्ता में है, वहां लोगों को उनके रसोईघर के खाने या पहनावे के आधार पर निशाना बनाया जाता है। हम अपनी प्राकृतिकता खो देंगे।"
मुख्यमंत्री ने ओणम त्योहार का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि आरएसएस को यह पसंद नहीं कि हम महाबली को याद करें; वे भगवान वामन को प्रमुखता देना चाहते हैं। इसी तरह, सबरीमाला मंदिर को लेकर संघ परिवार ने विवाद खड़ा किया है। सबरीमाला दक्षिण भारत और दुनिया भर से भक्तों को आकर्षित करता है। मंदिर की पौराणिक कथा में भगवान अयप्पा के साथ वावर (एक मुस्लिम चरित्र) का महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन संघ परिवार इससे सहमत नहीं है। उन्हें एक मुस्लिम को इतना सम्मान पसंद नहीं। इसलिए वावर की छवि को खराब करने और उनका नाम बदलने की कोशिश की गई।
सीएम ने पूछा, "क्या कोई इसे स्वीकार करेगा? सबरीमाला भक्त इसे कैसे बर्दाश्त करेंगे? यदि संघ परिवार का प्रभुत्व हो गया, तो सबरीमाला का स्वरूप भी बदल जाएगा। वे हर चीज पर अपने संकीर्ण विचार थोपते हैं।"
विजयन ने संविधान की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि संविधान अल्पसंख्यक समुदायों को विशेष सुरक्षा देता है, लेकिन संघ परिवार हमेशा उन पर हमला करता है। केरल में लोग जाति-धर्म से ऊपर उठकर शांति से रहते हैं, लेकिन आरएसएस के प्रभाव से यह धरती जातिवाद और धार्मिक नफरत की जमीन बन जाएगी।
कार्यक्रम में सीपीआई(एम) के केंद्रीय समिति सदस्य वी.एस. शिवकुमारन ने भी संबोधन दिया। अझिकोडन स्मारक हॉल का नाम केरल कम्युनिस्ट आंदोलन के प्रमुख नेता अझिकोडन के नाम पर रखा गया है। यह कार्यालय जिला समिति की गतिविधियों का नया केंद्र बनेगा। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लेफ्ट आंदोलन की विरासत को याद किया गया।