क्या केरल के नेदुमंगाड में एसडीपीआई और सीपीआईएम कार्यकर्ताओं के बीच झड़प ने राजनीतिक स्थिति को बिगाड़ दिया?

सारांश
Key Takeaways
- नेदुमंगाड में राजनीतिक हिंसा बढ़ रही है।
- एक एंबुलेंस को आग लगाना मानवता के खिलाफ है।
- पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लिया है।
- स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है।
- राजनीतिक दलों को शांति बनाए रखने की आवश्यकता है।
तिरुवनंतपुरम, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के तिरुवनंतपुरम जिले के नेदुमंगाड क्षेत्र में रविवार रात को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (सीपीआईएम) के कार्यकर्ताओं के बीच हुई झड़प ने राजनीतिक हिंसा को एक नया मोड़ दे दिया।
इस विवाद के दौरान एक एंबुलेंस में आग लगा दी गई और दूसरी को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने सोमवार को इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है।
घटना की शुरुआत रविवार शाम को हुई, जब एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर सीपीआईएम के एक स्थानीय नेता पर हमला किया। इसके प्रतिशोध में, कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने एसडीपीआई कार्यकर्ताओं के घरों पर पथराव किया।
नेदुमंगाड पुलिस के अनुसार, मास्क पहने कुछ व्यक्तियों ने रात के समय एसडीपीआई कार्यकर्ता की कार और एक एंबुलेंस को नुकसान पहुँचाया। यह सभी एक पुरानी दुश्मनी का परिणाम प्रतीत होता है। कुछ हफ्ते पहले, इलाके में एक फ्लेक्स बोर्ड को नष्ट करने को लेकर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी, जो बाद में सुलझ गई थी, लेकिन अब मामला फिर से तूल पकड़ चुका है।
जवाबी कार्रवाई में, सीपीआईएम की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) से जुड़ी एक एंबुलेंस में सोमवार तड़के सरकारी अस्पताल के पास आग लगा दी गई। आग इतनी भयानक थी कि एंबुलेंस पूरी तरह जलकर खाक हो गई। स्थानीय लोग इस घटना से दहशत में हैं, क्योंकि एंबुलेंस जैसी आवश्यक सेवाओं को निशाना बनाना मानवता के खिलाफ है।
तिरुवनंतपुरम ग्रामीण के एसपी ने बताया कि पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने कहा, "हमने जांच शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" दोनों पक्षों के कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
एसपी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।