क्या खड़गे का बयान भाजपा के आरोपों का सही जवाब है?

सारांश
Key Takeaways
- खड़गे का बयान विवाद का विषय बना है।
- भाजपा ने खड़गे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पवन खेड़ा ने भाजपा की मानसिकता पर सवाल उठाए हैं।
- बिहार में मतदाता सत्यापन पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण है।
- मणिपुर संकट में संघ की भूमिका पर कांग्रेस ने अपनी राय रखी है।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अपमान करने का आरोप लगाया है। भाजपा ने खड़गे के बयान को आपत्तिजनक बताते हुए इसे दलित और आदिवासी समुदाय का अपमान कहा है। भाजपा नेताओं की ओर से माफी मांगने की मांग तेज हो गई है। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इसे भाजपा की घटिया मानसिकता करार दिया है।
मंगलवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा का दोहरा चरित्र है। वे आदिवासी के तौर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक प्रतीक के रूप में पेश करते हैं, जबकि वास्तविकता में वे आदिवासी समुदायों का शोषण करते हैं। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं। हजारों पेड़ों को काटा जा रहा है, उनकी जमीन, जंगल और पानी छीना जा रहा है। यह लगातार अल्पसंख्यक, दलित और कमजोर वर्गों को परेशान कर रहे हैं। यही भाजपा की मानसिकता है।
बिहार में मतदाता सत्यापन पर पवन खेड़ा ने कहा कि हम बार-बार इस बात को दोहराते रहे हैं और हमें खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई स्वीकार कर ली है। हमें उम्मीद है कि उन करोड़ों लोगों को न्याय मिलेगा, जिनके वोटों को चुनावी चोरी की इस साजिश का निशाना बनाया जा रहा है।
बिहार की कानून व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि बिहार में गुंडाराज चल रहा है। इसके पीछे भाजपा का हाथ है। सरकार की कमान भाजपा के पास है।
मणिपुर संकट सुलझाने में संघ की भूमिका पर कांग्रेस नेता ने पलटवार करते हुए कहा कि यदि संघ आदिवासी इलाकों से दूर हो जाए, तो इनकी आधी से ज्यादा समस्या खत्म हो जाएगी।
बता दें कि राजधानी दिल्ली में 4 जुलाई से 6 जुलाई तक संघ के प्रांत प्रचारकों की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में संघ के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने बताया कि संघ ने कुकी और मैतेई दोनों समुदायों के साथ संवाद स्थापित किया है।