क्या कोलकाता में छात्रा के साथ हुई घटना निंदनीय नहीं है? ममता सरकार उचित कार्रवाई करेगी: फखरुल हसन चांद

सारांश
Key Takeaways
- महिला सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
- गैंगरेप की घटना को चिंताजनक माना गया है।
- पश्चिम बंगाल सरकार पर विश्वास जताया गया है कि वो उचित कार्रवाई करेगी।
- सपा नेताओं ने संविधान की रक्षा के लिए आवाज उठाई है।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए 1090 नंबर की शुरुआत की गई थी।
लखनऊ, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कोलकाता में लॉ कॉलेज की छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले को चिंताजनक बताया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पश्चिम बंगाल सरकार आरोपियों को उनके अंजाम तक पहुंचाएगी।
सपा नेता ने विभिन्न मुद्दों पर समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत की। भाजपा पर संविधान के साथ छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये लोग लंबे समय से बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूँ कि जब तक हम हैं, तब तक भाजपा ऐसा नहीं कर पाएगी।
उन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने का उल्लेख करते हुए कहा कि इन लोगों ने 400 पार का नारा दिया था, लेकिन जनता ने इन्हें मुंहतोड़ जवाब दे दिया। देश की जनता ने भाजपा को इसलिए जवाब दिया क्योंकि ये लोग बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। जब-जब ये लोग संविधान को बदलने की जुर्रत करेंगे, इन्हें निराशा ही हाथ लगेगी।
कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ दुष्कर्म की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, “यह चिंता का विषय है। हम आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हैं।” पश्चिम बंगाल सरकार पर विश्वास जताते हुए कहा कि निश्चित तौर पर वहां की सरकार आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
महिला सुरक्षा को लेकर अखिलेश यादव द्वारा किए कार्यों को याद करते हुए उन्होंने कहा, "उन्होंने महिलाओं को सुरक्षित माहौल प्रदान करने के लिए 1090 दूरभाष नंबर की शुरुआत की थी, आखिर ऐसी ही शुरुआत अन्य राज्यों की सरकारें क्यों नहीं कर रही हैं? क्या अन्य राज्यों की सरकारें महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं हैं?"
सपा प्रवक्ता ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में मतदाताओं की सूची में हुई गड़बड़ी का उल्लेख करते हुए चुनाव आयोग को भी घेरा। उन्होंने कहा कि हमने इस पूरे मामले को लेकर चुनाव आयोग को शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अफसोस, आयोग खामोश रहा। चुनाव आयोग की निष्पक्षता सवालों के घेरे में है।