क्या भाषा नफरत नहीं, प्रेम फैलाती है? : कुमार विश्वास

सारांश
Key Takeaways
- भाषा एक महत्वपूर्ण साधन है जो प्रेम फैलाती है।
- उत्तर प्रदेश आम महोत्सव में बागवानी के क्षेत्र में नई संभावनाएं हैं।
- किसानों के लिए प्रेरणादायक है।
- एकता और सद्भावना को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- महत्वपूर्ण भाषाई विवादों को सुलझाने का समय आ गया है।
लखनऊ, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम, अवध विहार योजना, सेक्टर 9 में शुक्रवार को तीन दिवसीय ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव 2025’ का शनिवार को दूसरा दिन था। इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में कुमार विश्वास ने अपने काव्य पाठ से दर्शकों का मन मोह लिया। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद के शीघ्र समाधान की आशा व्यक्त की।
कवि कुमार विश्वास ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, "भाषा नफरत नहीं, बल्कि प्रेम फैलाती है। मेरी मां (हिंदी) और मौसियां, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ सभी अत्यंत समृद्ध भाषाएं हैं। हमें इस पर नफरत नहीं फैलानी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि यह विवाद जल्दी समाप्त होगा।"
कार्यक्रम में उपस्थित उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भाषा विवाद पर कहा, "भारतीय जनता पार्टी एक भारत से श्रेष्ठ भारत के नारे को लेकर आगे बढ़ रही है। किंतु कुछ लोग देश के अंदर किसी न किसी मुद्दे पर विवाद उत्पन्न करने का प्रयास कर रहे हैं, जो अनुचित और अस्वीकार्य है।"
उत्तर प्रदेश आम महोत्सव की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, "यह महोत्सव अत्यंत भव्य है। बागवानी में जो लोग भविष्य देखते हैं, उन्हें प्रेरणा देने वाला है। महोत्सव में दिखाई गई विविधता पहले कभी नहीं देखी गई। मैं उद्यान विभाग को इस महोत्सव की सफलता पर बधाई देता हूं।"
यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ के अवध शिल्प ग्राम में तीन दिवसीय ‘उत्तर प्रदेश आम महोत्सव 2025’ का शुभारंभ किया। इस महोत्सव में देशभर के बागानों से लाए गए 800 से अधिक किस्मों के आमों की प्रदर्शनी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है।