क्या 2017 से पहले पुलिस भर्ती में भाई-भतीजावाद ने कानून व्यवस्था को प्रभावित किया? : मुख्यमंत्री योगी

सारांश
Key Takeaways
- भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार का प्रभाव पुलिस भर्ती पर 2017 से पहले था।
- 2017 के बाद भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया।
- सरकार ने 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है।
- महिलाओं के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है।
- अग्निवीर को 20 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया गया है।
लखनऊ, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में पुलिस भर्ती में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद का बोलबाला था। उस समय पैसे का लेन-देन, भेदभाव और बोली ने युवाओं का भविष्य अंधकार में डाल दिया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित यूपी पुलिस दूरसंचार विभाग में चयनित 1,494 सहायक परिचालकों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में कहा। इस मौके पर उन्होंने कई अभ्यर्थियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपे। सीएम ने बताया कि 2017 से पहले प्रदेश में दंगों, अराजकता और गुंडागर्दी की घटनाएं बढ़ गई थीं, जिससे जनता में असुरक्षा का माहौल बन गया था।
उन्होंने कहा कि 2017 में डबल इंजन की सरकार बनने के बाद भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती बोर्ड को मजबूत किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक पुलिस भर्ती करने वाले राज्य के रूप में उभरा है। अब तक हमारी सरकार ने 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बड़ा आंकड़ा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 के बाद पुलिस भर्ती प्रक्रिया में जो ऐतिहासिक परिवर्तन हुए हैं, वे केवल आंकड़ों की कहानी नहीं हैं, बल्कि एक नई पहचान, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक बन चुके हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में 2,17,500 से अधिक कार्मिकों की निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा सरकार बनी, तो भर्ती बोर्ड को मजबूत करने का काम किया गया। आज पूरे देश में उत्तर प्रदेश की भर्ती प्रक्रिया एक मिसाल बन गई है। सीएम ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता के कारण निवेश बढ़ा है, जिससे लगभग 2 करोड़ युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017-18 में पहली भर्ती के दौरान ट्रेनिंग की क्षमता सीमित थी, लेकिन अब 60,244 पुलिस कार्मिकों की ट्रेनिंग की व्यवस्था प्रदेश के प्रशिक्षण संस्थानों में की जा रही है। पहले जहां केवल 3,000 कार्मिकों की ट्रेनिंग होती थी, वहीं अब यह संख्या 60,000 के पार पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि अब हर जिले में पुलिस बैरक का भवन सबसे ऊंचा और बेहतर होता है।
योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश पुलिस एक मॉडल फोर्स बन चुकी है, जो दंगा मुक्त, अराजकता मुक्त और सुरक्षित प्रदेश की पहचान बन रही है। उन्होंने पुलिस बल की संवेदनशीलता और तत्परता का उदाहरण महाकुंभ में देखने को मिला। सीएम ने पुलिस बल को याद दिलाया कि जनता की नजर केवल उनके कार्यों पर नहीं, बल्कि उनके व्यवहार पर भी होती है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस विभाग में महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए पुलिस बल में 20 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। इसी के तहत टेलीकॉम विभाग में चयनित 1,494 अभ्यर्थियों में लगभग 300 बेटियों का चयन हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में अग्निवीर को 20 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का निर्णय लिया गया है, जिससे प्रशिक्षित और अनुशासित युवा पुलिस बल का हिस्सा बन सकेंगे। सीएम ने महाकुंभ में दूरसंचार विभाग के उत्कृष्ट कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संचार व्यवस्था पुलिस फोर्स की रीढ़ होती है।