क्या भारतीय वायुसेना को जल्द मिलेगा ‘तेजस एमके 1ए’ लड़ाकू विमान?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस एमके 1ए भारतीय वायुसेना का नया लड़ाकू विमान है।
- यह विमान मिग-21 का स्थान लेगा।
- इसकी पहली उड़ान नासिक में होगी।
- यह विमान भारत की आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
- यह 62,370 करोड़ रुपए के अनुबंध के तहत बनाया जा रहा है।
नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय वायुसेना को जल्द ही ‘तेजस एमके 1ए’ लड़ाकू विमान प्राप्त होने वाला है। वायुसेना इस अत्याधुनिक फाइटर जेट का लंबे समय से इंतजार कर रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में, शुक्रवार को महाराष्ट्र के नासिक में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा यह विमान अपनी पहली उड़ान भरेगा।
इस विमान के वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद इसे पाकिस्तान सीमा के निकट बीकानेर स्थित नाल एयरबेस पर तैनात किया जा सकता है। तेजस एमके 1ए में आधुनिक एवियोनिक्स, बेहतर हथियार क्षमता और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम होगा। ये नए लड़ाकू विमान पुराने मिग-21 का स्थान लेंगे।
गौरतलब है कि वायुसेना ने पिछले महीने, 26 सितंबर को, मिग-21 को अपने बेड़े से सेवानिवृत्त कर दिया था। एचएएल का कहना है कि तेजस एमके 1ए के सभी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं। यह फाइटर जेट ब्रह्मोस समेत विभिन्न स्वदेशी हथियारों से लैस होगा। तेजस एमके 1ए की रफ्तार 2200 किमी प्रति घंटे से भी अधिक है। यह तेजस लड़ाकू विमान का उन्नत संस्करण है, जिसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स और रडार सिस्टम शामिल हैं।
एमके 1ए के निर्माण में भारतीय कंपनियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसमें लगे 65 प्रतिशत से अधिक उपकरण स्वदेशी हैं। भारतीय वायुसेना को लड़ाकू विमानों की आपूर्ति के लिए 25 सितंबर को नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण अनुबंध किया गया है, जिसके तहत 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से भारतीय वायुसेना को 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट उपलब्ध कराए जाएंगे।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने एचएएल के साथ 97 स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एमके-1ए की खरीद के लिए 62,370 करोड़ रुपए का अनुबंध किया है। इस करार में 68 सिंगल-सीटर लड़ाकू विमान और 29 ट्विन-सीटर ट्रेनर विमान का सौदा शामिल है।
मंत्रालय का कहना है कि यह अनुबंध भारतीय वायुसेना की क्षमता को और मजबूत करेगा। भारतीय फाइटर जेट एलसीए एमके-1ए के निर्माण में तेजी आ रही है। इस श्रेणी के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस एलसीए एमके-1ए के लिए भारत के एचएएल को हाल ही में चौथा जीई-404 जेट इंजन मिला है।
एचएएल को इस वित्त वर्ष के अंत तक कुल 12 जीई-404 जेट इंजन मिलने की उम्मीद है, जो सभी भारतीय लड़ाकू विमान तेजस मार्क-1ए में लगाए जाएंगे। अमेरिकी कंपनी जीई भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को यह जेट इंजन सप्लाई कर रही है।
एचएएल के अधिकारियों के अनुसार, उन्हें अब तक एलसीए एमके-1ए के लिए चार जीई-404 इंजन मिल चुके हैं। एचएएल का कहना है कि इंजन आपूर्ति श्रृंखला में सुधार से तेजस एमके-1ए के उत्पादन और वायुसेना को इसकी डिलीवरी देने के कार्यक्रम में गति आएगी। भारतीय वायुसेना ने तेजस एमके-1ए विमानों के निर्माण का ऑर्डर दिया है, जिन्हें आने वाले वर्षों में क्रमिक रूप से डिलीवर किया जाएगा।