क्या कफ सिरप ने माताओं की गोदें सूनी कर दी और सरकार खानापूर्ति कर रही है: सज्जन सिंह वर्मा?

सारांश
Key Takeaways
- खांसी की दवा से बच्चों की मौतें चिंता का विषय हैं।
- सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए गए हैं।
- माताओं की गोदें सूनी हो गई हैं।
- सिर्फ सस्पेंशन से काम नहीं चलेगा।
- सरकार को ईमानदारी से जांच करवानी चाहिए।
देवास, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में खांसी की दवा (कफ सिरप) से बच्चों की मौतों के मामले ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस मुद्दे पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस पूरे मामले में केवल खानापूर्ति की है।
सज्जन सिंह वर्मा ने बताया कि इस घटना में अब तक 10 से ज्यादा मासूम बच्चों की जान जा चुकी है। कई माताओं की गोद खाली हो गई है, लेकिन सरकार सिर्फ दिखावटी कदम उठा रही है।
उन्होंने यह भी मांग की कि इस प्रकरण में केवल सस्पेंशन से काम नहीं चलेगा, बल्कि सभी दोषियों पर हत्या की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
वर्मा ने सवाल उठाया, जब इतने बच्चों की जान चली गई, अब तक हत्या का मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया? क्या इतने निर्दोष बच्चों की मौत किसी छोटी गलती का नतीजा है?
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बार-बार ऐसी घटनाओं में लीपापोती करती रही है। जांच आयोग बनाना, जांच शुरू करना, फिर धीरे-धीरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल देना, यही भाजपा की नीति बन चुकी है।
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार के रवैये से साफ है कि वह जिम्मेदारी से भाग रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार हवा में उड़ रही है, धरातल से पूरी तरह कटी हुई है। माताओं की गोदें उजड़ गईं, लेकिन सरकार में तनिक भी संवेदना नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। केवल एक डॉक्टर पर कार्रवाई करके सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है, जबकि यह सामूहिक लापरवाही का मामला है। इस मामले में सरकार को ईमानदारी से जांच करवानी चाहिए।