क्या जिन्ना और माउंटबेटन के सामने कांग्रेस ने सरेंडर किया? : राकेश सिन्हा

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क्या जिन्ना और माउंटबेटन के सामने कांग्रेस ने सरेंडर किया? : राकेश सिन्हा

सारांश

क्या कांग्रेस ने जिन्ना और माउंटबेटन के सामने सरेंडर कर विभाजन की स्थिति पैदा की? पूर्व सांसद राकेश सिन्हा का दावा है कि इतिहास में यह घटना महत्वपूर्ण है। जानिए उनके विचार और एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल पर उनकी राय।

Key Takeaways

  • कांग्रेस का सरेंडर विभाजन का मुख्य कारण था।
  • एनसीईआरटी ने विभाजन पर नई जानकारी प्रस्तुत की।
  • आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय योगदान दिया।
  • विभाजन के लिए तीन व्यक्ति जिम्मेदार ठहराए गए हैं।
  • राकेश सिन्हा का दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व सांसद राकेश सिन्हा ने भारत के विभाजन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार मानते हुए कहा कि अगर उस समय जिन्ना और माउंटबेटन के सामने कांग्रेस ने सरेंडर नहीं किया होता तो विभाजन की नौबत नहीं आती।

वास्तव में, एनसीईआरटी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया, जिसमें देश के विभाजन के लिए तीन व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया गया।

इस मॉड्यूल पर राजनीति भी तेज हो गई है। विपक्ष का कहना है कि इतिहास में पीछे जाने से कुछ भी हासिल नहीं होगा; बल्कि, वर्तमान की परिस्थितियों पर सरकार को ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

पूर्व सांसद राकेश सिन्हा ने शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि विभाजन में माउंटबेटन की महत्वपूर्ण भूमिका थी। जिन्ना एक अलगाववादी नेता के रूप में उभरे, जो पाकिस्तान की मांग कर रहे थे। कांग्रेस ने दोनों के सामने सरेंडर किया।

सिन्हा के अनुसार, अगर कांग्रेस ने तुष्टिकरण की नीति 1909 से जारी नहीं रखी होती, तो शायद विभाजन की स्थिति नहीं आती। कांग्रेस ने सांप्रदायिक ताकतों को कुचलने के बजाय उनके साथ गले मिलने का कार्य किया। इसलिए यह कहना उचित है कि इस विभाजन के लिए तीन व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया गया है।

पूर्व सांसद राकेश सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा के संदर्भ में विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि आरएसएस की भूमिका स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद के सामाजिक कार्यों में अद्वितीय रही है। उन्होंने यह भी कहा कि संघ ने ब्रिटिश शासन को चुनौती देने में न केवल सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया, बल्कि क्रांतिकारियों को हर संभव सहायता भी प्रदान की।

सिन्हा ने कहा कि इतिहासकारों ने वैचारिक असहमति के कारण संघ के योगदान को नजरअंदाज किया। भारत की आजादी के बाद संघ ने दलितों, वंचितों और उपेक्षित समुदायों में महत्वपूर्ण कार्य किया है। साथ ही, पीढ़ी-दर-पीढ़ी हजारों लोगों को समाजसेवा के लिए प्रेरित किया।

संघ के 100 साल पूरे होने पर सिन्हा ने पीएम मोदी की प्रशंसा को उचित ठहराया और इसे संगठन की शताब्दी पर एक उपयुक्त अवसर बताया।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम इतिहास की गहराई में जाएं और इसकी सच्चाई को समझें। विभाजन की घटनाएं आज भी हमारे समाज को प्रभावित करती हैं। हमें सच्चाई का सामना करना चाहिए और इससे सीख लेनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
NationPress
16/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या कांग्रेस ने सच में सरेंडर किया था?
पूर्व सांसद राकेश सिन्हा का मानना है कि कांग्रेस ने जिन्ना और माउंटबेटन के सामने सरेंडर किया था, जिसके कारण विभाजन हुआ।
एनसीईआरटी का नया मॉड्यूल क्या बताता है?
एनसीईआरटी के मॉड्यूल में विभाजन के लिए तीन व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
आरएसएस की भूमिका क्या थी?
आरएसएस ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समाज सेवा में सक्रिय रहा।