क्या मौलाना साजिद रशीदी अपने बयान पर कायम हैं, बोले- ‘मैंने आतंकवादी हमला नहीं किया’?

सारांश
Key Takeaways
- मौलाना साजिद रशीदी ने डिंपल यादव पर विवादास्पद बयान दिया।
- एनडीए की महिला सांसदों ने विरोध किया।
- मौलाना ने एफआईआर का सामना करने का निर्णय लिया।
- उन्होंने अपने बयान को धार्मिक मान्यता पर आधारित बताया।
- मौलाना ने माफी मांगने से इनकार किया।
नई दिल्ली, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव पर विवादास्पद बयान देकर एक नई बहस छेड़ दी है। मानसून सत्र के दौरान, सोमवार को, एनडीए में शामिल महिला सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया। मौलाना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है, लेकिन वह अपनी बात पर अड़े हुए हैं और कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा।
विरोध के बीच, मौलाना ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अपने बयान को सही ठहराया। उनका कहना है कि उन्होंने डिंपल यादव के खिलाफ कोई अनुचित टिप्पणी नहीं की।
मौलाना ने कहा, “मैंने कोई आतंकवादी हमला नहीं किया है, इसलिए मेरे बयान को बेवजह तूल दिया जा रहा है। डिंपल यादव को लेकर मेरा बयान इस्लामी मान्यताओं पर आधारित था। मैं जिस समुदाय से आता हूं, वहां उनके समुदाय में महिलाओं के सिर पर पल्लू न होने को लेकर मैं सिर्फ वही प्रश्न उठा रहा था।”
उन्होंने अपने बयान पर कायम रहते हुए इसे गलत नहीं माना और कहा कि यह कोई ‘आतंकवादी हमला’ नहीं है कि इसे इस तरह से बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाए।
मौलाना ने कहा कि जिस प्रकार से सपा और अखिलेश यादव की ओर से मस्जिद में राजनीतिक बैठक की गई थी, उस पर उठे सवालों को दबाने के लिए उनके बयान को विवाद का मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनका बयान अमर्यादित है तो सपा कार्यकर्ता उन्हें फोन पर लगातार धमकी दे रहे हैं, जैसे “लोकेशन भेजो, हम मारेंगे। क्या यह बयान मर्यादित है?”
उन्होंने सपा को ‘गुंडों की पार्टी’ करार देते हुए कहा, “मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, हम इसकी समीक्षा करेंगे और अदालत में अपना पक्ष रखेंगे, यह मानते हुए कि एक शब्द के लिए फांसी नहीं दी जाएगी।”
एनडीए की महिला सांसदों के विरोध पर मौलाना ने कहा, “वे उन मुद्दों पर चुप रहती हैं जिन्हें उठाना चाहिए। मुझे मुस्लिम होने के नाते निशाना बनाया जा रहा है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि एक मुस्लिम होने के नाते उन्हें दबाया जा रहा है और वे अपनी धार्मिक मान्यताओं को नहीं छोड़ेंगे। माफी के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे तभी माफी मांगेंगे जब अखिलेश यादव या डिंपल यादव मस्जिद में राजनीतिक बैठक के लिए माफी मांगें। उन्होंने यह भी कहा कि डिंपल यादव साबित करें कि वे पूजा के दौरान सिर ढकती हैं या नहीं।