क्या रात में चावल खाना हानिकारक है? जानें आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
सारांश
Key Takeaways
- रात में चावल का सेवन सावधानी से करें।
- गुनगुना पानी या सूप पीने से पाचन में मदद मिलती है।
- ब्राउन राइस का उपयोग फाइबर के लिए करें।
- सोने से पहले 2 घंटे इंतजार करें।
- दक्षिण भारतीयों का खाने का तरीका सही है।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चावल भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सुबह, दोपहर और रात में चावल का सेवन यहां सामान्य होता है। हालांकि, कई लोग यह मानते हैं कि रात में चावल खाना हानिकारक होता है।
आयुर्वेद के अनुसार, चावल की प्रकृति शीतल और स्निग्ध (मुलायम) होती है। पुराना चावल हल्का माना जाता है, जबकि नया चावल भारी होता है और इसका पाचन कठिन होता है। रात के समय जब शरीर की अग्नि कमजोर हो जाती है, तब चावल का पाचन मुश्किल हो जाता है, जिससे गैस, अपच और भारीपन महसूस होता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, चावल में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। यह ऊर्जा तो देता है, लेकिन रात में मेटाबॉलिज्म धीमा होने के कारण शरीर इसे पूरी तरह पचा नहीं पाता, जिससे गैस, पेट फूलना और एसीडिटी जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। यदि कोई रात में चावल खाकर तुरंत सो जाता है, तो ऊर्जा का उपयोग नहीं हो पाता और यह चर्बी के रूप में जमा होने लगता है। इससे वजन बढ़ने का भी खतरा रहता है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रात में चावल का सेवन पूरी तरह से छोड़ देना चाहिए। यदि आप हल्का और साधारण भोजन करते हैं, तो यह समस्या नहीं बनता। जैसे कि मूंग दाल खिचड़ी, जीरा राइस या भाप में पकी सब्जियों के साथ चावल, ये सभी पचने में आसान होते हैं और शरीर पर बोझ नहीं डालते।
यदि आप फिर भी रात में चावल खाना चाहते हैं, तो खाने से पहले गुनगुना पानी या सूप पी लें, इससे पाचन की अग्नि सक्रिय होती है। ब्राउन राइस या पुराने चावल का उपयोग करें, जिनमें फाइबर अधिक और स्टार्च कम होता है। थोड़ा घी डालकर खाएं, यह पाचन को आसान बनाता है और गैस को रोकता है। खाने के बाद 5-10 मिनट चलें, इससे भारीपन और गैस नहीं होती। सोने से कम से कम 2 घंटे पहले भोजन करें, ताकि शरीर को पचाने का समय मिले।
दिलचस्प बात यह है कि दक्षिण भारत में लोग रोज रात में चावल खाते हैं, फिर भी वे मोटे नहीं होते। इसका कारण यह है कि वे इसे दही, सांभर या उबली सब्जियों के साथ खाते हैं और भोजन के बाद हल्की गतिविधि करते हैं। इतना ही नहीं, ठंडे चावल में बनने वाला रेजिस्टेंट स्टार्च आंतों के लिए फायदेमंद माना जाता है।