क्या एसआईआर पर आपत्ति नहीं, बस प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए: मृत्युंजय तिवारी?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए।
- लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अनियमितताओं की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
- हर भाषा का सम्मान होना चाहिए।
- राजनीतिक दलों की मांग स्वाभाविक है।
- संविधान का पालन करना आवश्यक है।
पटना, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का आयोजन कर रहा है। इस संदर्भ में कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि एसआईआर पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसकी प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित होनी चाहिए।
तिवारी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कार्य तेजी या गड़बड़ी में नहीं होना चाहिए और इसके माध्यम से वोट चोरी का कोई इरादा नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर देश में लोकतंत्र को सशक्त करना है, तो चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की शंका या अनियमितता की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।
समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा द्वारा सपा प्रमुख अखिलेश यादव को आगामी विधानसभा चुनावों में इंडिया अलायंस का नेतृत्व करने की मांग पर भी तिवारी ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है, क्योंकि हर राजनीतिक दल चाता है कि उसका प्रमुख नेता मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बने।
तिवारी ने कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को कड़ी शिकस्त दी है और वह आज देश के एक प्रमुख और प्रभावशाली नेता हैं, इसलिए यह मांग स्वाभाविक है।
इसी बीच, संस्कृत भाषा को लेकर डीएमके नेता और तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान ने सियासत को गर्म कर दिया। उन्होंने संस्कृत को “मरी हुई भाषा” कहा था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तिवारी ने कहा कि हिंदी, तमिल या किसी भी भाषा का अपना महत्व है। संस्कृत का विशेष महत्व है और सभी इसे जानते हैं, लेकिन यह जरूरी है कि हर भाषा का सम्मान किया जाए, क्योंकि भाषा किसी समाज और संस्कृति की पहचान होती है।
वहीं, पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर टीएमसी नेता हुमायूँ कबीर के बयान पर भी तिवारी ने अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि देश में हर काम भारत के संविधान के अनुसार होना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को अपने विचार दूसरों पर थोपने का अधिकार नहीं है। तिवारी ने कहा कि भारत संविधान के अनुसार चलता है और हर नागरिक तथा नेता को इसका पालन करना चाहिए, यही देशहित और लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।