क्या तेजस्वी यादव को जनादेश को स्वीकार करना चाहिए? : जनार्दन सिंह सिग्रीवाल
सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव को जनादेश स्वीकार करना चाहिए।
- एनडीए सरकार ने विकास कार्यों में तेजी लाई है।
- हार के बाद आरोप लगाने की प्रवृत्ति को छोड़ना चाहिए।
- जनता के फैसले का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।
- इंडी अलायंस की एकजुटता पर सवाल उठाए गए हैं।
पटना, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, उन्हें कुछ भी बोलने से पहले सोचना चाहिए।
भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार की जनता ने जो जनादेश विधानसभा चुनाव में एनडीए को दिया है, स्वीकार करने की हिम्मत तेजस्वी यादव को दिखानी चाहिए।
उन्होंने पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है। जब लोग हारते हैं तो मानने के बजाय वे दूसरों पर आरोप लगाने लगते हैं। तेजस्वी यादव और उनके इंडी अलायंस की हार हुई। बिहार में जनता के विकास के लिए एनडीए की भारी बहुमत के साथ सरकार बन गई है। रोजगार के उद्देश्य से सरकार ने पहली कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
उन्होंने कहा कि जहां एनडीए सरकार बिहार में विकास कार्यों में तेजी ला रही है, वहीं तेजस्वी यादव हार के बाद आरोप लगाते हैं। जहां से वे जीतते हैं, वह सही मानते हैं। भाजपा सांसद ने कहा कि जब हमारे उम्मीदवार कम वोटों से हारते हैं तो हम कभी भी मशीनरी पर सवाल नहीं उठाते हैं। जनता जो फैसला करती है, हम उसका सम्मान करते हुए स्वीकार करते हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान एसआईआर को लेकर तेजस्वी यादव ने भ्रम फैलाया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया, जबकि ऐसा नहीं था। अब चुनाव हारने के बाद फिर भ्रम फैलाना चाहते हैं, लेकिन जनता जागरूक है। जिस तरह से अब बाहर का रास्ता दिखाया है, आगे भी जनता सत्ता का दरवाजा उनके लिए बंद ही रखेगी।
टीएमसी से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखे जाने पर उन्होंने कहा कि चुनाव आ रहे हैं, इसलिए उन्हें कोई मुद्दा चाहिए जिसे वे उठा सकें।
उन्होंने इंडी अलायंस का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव से पहले यह एकजुट होने की बात करते हैं, चुनाव के दौरान बिखर जाते हैं, बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भी हमने देखा। बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान भी देखा कि अलग-अलग चुनाव लड़े।