क्या तेलंगाना स्पीकर के फैसले से लोकतंत्र की हत्या हुई है?

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क्या तेलंगाना स्पीकर के फैसले से लोकतंत्र की हत्या हुई है?

सारांश

तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर केटीआर का तीखा हमला। क्या यह निर्णय लोकतंत्र के लिए खतरा है? जानिए इस मुद्दे की गहराई और बीआरएस के विचार।

Key Takeaways

  • लोकतंत्र की हत्या का आरोप केटीआर द्वारा लगाया गया।
  • कांग्रेस पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप।
  • बीआरएस का कड़ा विरोध
  • राजनीतिक असंतोष बढ़ता जा रहा है।
  • जनता की अदालत में ये विधायक पहले से अयोग्य करार दिए जा चुके हैं।

हैदराबाद, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव (केटीआर) ने तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष के उस फैसले की कड़ी आलोचना की है, जिसमें कांग्रेस में शामिल होने के आरोपों का सामना कर रहे बीआरएस के पांच विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिकाएं खारिज कर दी गईं। केटीआर ने इसे विधानसभा के पटल पर लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

केटीआर ने कहा कि एक बार फिर यह साबित हो गया है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को न तो देश की सर्वोच्च अदालतों का सम्मान है और न ही संविधान का। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर तंज कसते हुए कहा कि केवल संविधान की प्रति हाथ में लेकर फोटो खिंचवाना ही उसका सम्मान नहीं होता।

बीआरएस नेता ने कहा, “राहुल गांधी इतिहास में एक अक्षम नेता के रूप में याद किए जाएंगे, जिन्होंने उसी दलबदल विरोधी कानून का सम्मान नहीं किया, जिसे उनके पिता स्वर्गीय राजीव गांधी ने लागू किया था।”

एक बयान में केटीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी दलबदल करने वाले विधायकों को बचाने के लिए दोहरे मापदंड अपना रही है, जबकि इन विधायकों ने खुद ‘विकास’ के नाम पर पार्टी बदलने की बात स्वीकार की है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल उपचुनावों के डर से इन विधायकों को अयोग्य ठहराने से पीछे हट रही है। केटीआर के मुताबिक, मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के दो साल के शासन के खिलाफ गांव-गांव में भारी नाराजगी है, खासकर आगामी पंचायत चुनावों को देखते हुए।

केटीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी संविधान का हर कदम पर मजाक बना रही है, चाहे वह मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी द्वारा विधायकों के घर जाकर दलबदल के लिए प्रोत्साहित करना हो या फिर आज का स्पीकर का फैसला।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के दबाव में आकर दलबदल याचिकाओं के खिलाफ फैसला सुनाया और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की भावना को पूरी तरह नजरअंदाज किया।

पूर्व मंत्री ने कहा कि स्पीकर ने दलबदल विरोधी कानून के प्रावधानों की अनदेखी कर एक अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक कदम उठाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बीआरएस पार्टी स्पीकर के इस फैसले का कड़ा विरोध करती है।

केटीआर ने कहा कि भले ही कांग्रेस तकनीकी आधारों पर दलबदल करने वाले विधायकों को अस्थायी रूप से बचाने का जश्न मना रही हो, लेकिन जनता की अदालत में उनके निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों ने उन्हें पहले ही अयोग्य करार दे दिया है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम राजनीतिक निर्णयों की पारदर्शिता पर ध्यान दें। लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह आवश्यक है कि सभी दल समानता के साथ नियमों का पालन करें।
NationPress
17/12/2025

Frequently Asked Questions

केटीआर ने स्पीकर के फैसले पर क्या कहा?
केटीआर ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया और कांग्रेस पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस पार्टी का क्या कहना है?
कांग्रेस पार्टी दलबदल करने वाले विधायकों को बचाने का प्रयास कर रही है, जबकि केटीआर ने इसे दोहरे मापदंड करार दिया।
क्या यह मामला सुप्रीम कोर्ट जाएगा?
इस बारे में अभी कोई स्पष्टता नहीं है, लेकिन केटीआर ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती दी जा सकती है।
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