क्या तुष्टिकरण की राजनीति की आड़ में घुसपैठियों का समर्थन देशहित में है?; केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय
सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय राज्य मंत्री का बयान
- मतदाता सूची में घुसपैठियों का मुद्दा
- विपक्ष की भूमिका पर सवाल
पटना, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्षी दलों को कड़ा जवाबगैर-कानूनी तरीके से जुड़े लोगों का समर्थन देश हित में नहीं है।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, "घुसपैठ करके आए लोगों ने अवैध तरीके से भारत की मतदाता सूची में अपने नाम दर्ज कराए। ऐसे में बिहार हो या पश्चिम बंगाल या अन्य राज्य, वहां अवैध रूप से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराकर बैठे लोगों को बाहर किया जाना चाहिए।"
नित्यानंद राय ने कहा कि घुसपैठ करके आने वाले विदेशी नागरिक भारतीयों के अधिकार छीन रहे हैं। उन्होंने भूमियों और रोजगार पर कब्जा किया है। ऐसे लोग लगातार लोकतंत्र को बाधित करते हैं।
उन्होंने विपक्ष की राजनीतिक पार्टियों पर तुष्टिकरण की राजनीति के तहत घुसपैठियों का समर्थन करने का आरोप लगाया और कहा कि ये न देश हित में है और न युवाओं के हितों में है।
नित्यानंद राय ने कहा, "राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं को लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। ये तुष्टिकरण की राजनीति के तहत ऐसे लोगों का समर्थन करते हैं, जो देशहित में नहीं हैं।"
वहीं, एसआईआर पर बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बार-बार इस मुद्दे को उठाते हैं, लेकिन देश में पहली बार एसआईआर नहीं हो रही है। इसके बावजूद राहुल गांधी ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि जैसे केंद्र सरकार या चुनाव आयोग पहली बार देश में एसआईआर करा रहा है।
राहुल गांधी के 'वोट चोरी' के आरोपों को नकारते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को असल मुद्दों पर बात करनी चाहिए। उन्हें पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में अपने चुनावों पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में लंबे समय से मिल रही अपनी हार पर विचार करना चाहिए।