क्या यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में 'भू परीक्षक' मशीन कृषि में क्रांति लाएगी?

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क्या यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में 'भू परीक्षक' मशीन कृषि में क्रांति लाएगी?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि किसान अब अपनी मिट्टी की सेहत जानने के लिए सिर्फ 90 सेकंड का इंतजार करेंगे? यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा विकसित 'भू परीक्षक' मशीन किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है।

Key Takeaways

  • भू परीक्षक मशीन से मिट्टी की सेहत का परीक्षण तेजी से किया जा सकता है।
  • इससे खाद और उर्वरक की लागत में कमी आती है।
  • यह मशीन ऑटोमैटिक और बैटरी ऑपरेटेड है।
  • किसान अब 90 सेकंड में सटीक रिपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं।
  • यह तकनीक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है।

नोएडा, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 में इस बार एक नई तकनीक ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है, जो कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। यह स्मार्ट सॉइल टेस्टिंग मशीन, जिसे ‘भू परीक्षक’ कहा जाता है, आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा विकसित की गई है।

इस क्लाइमेट-स्मार्ट टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के संस्थापक रजत वर्धन और उनकी टीम ने इसे तैयार किया है। पहले किसानों को अपनी मिट्टी की जांच के लिए 80 से 100 दिनों तक इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अब यह मशीन मात्र 90 सेकंड में सटीक परिणाम प्रदान करती है। यह मशीन इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी, IOT, और AI/ML तकनीकों पर आधारित है और यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक और बैटरी ऑपरेटेड है।

इसका वजन केवल 350 ग्राम है, जिससे किसान इसे आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं। मशीन में एक छोटा सा सांचा है, जिसमें किसान केवल 10 ग्राम मिट्टी डालते हैं। स्टार्ट बटन दबाते ही मशीन 90 सेकंड में रिपोर्ट तैयार कर देती है। यह एक साथ छह प्रकार के परिणाम प्रदान करती है, जिनमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, मिट्टी की बनावट, और क्लोरो-फ्लोरो कार्बन शामिल हैं। इसके बाद, यह बताती है कि प्रति एकड़ कितनी मात्रा में उर्वरक डालना चाहिए।

हालांकि, यह मशीन सीधे किसानों को उपलब्ध नहीं है, इसे चुनिंदा सेंटरों से उपयोग के लिए लिया जा सकता है। स्कैनेक्स टीम का कहना है कि भविष्य में इसे ब्लॉक स्तर तक पहुँचाया जाएगा ताकि हर किसान अपनी मिट्टी का परीक्षण स्वयं कर सके। अब तक यह तकनीक 20 राज्यों के 150 गांवों में पहुँच चुकी है और लगभग 60 हजार किसान नियमित रूप से इस मशीन से मिट्टी की जांच कर रहे हैं। किसानों का मानना है कि समय पर और सटीक स्वायल रिपोर्ट मिलने से खाद और उर्वरक के खर्च में कमी आई है और पैदावार में भी वृद्धि हुई है।

Point of View

मैं मानता हूँ कि 'भू परीक्षक' मशीन किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकती है। इससे न केवल उनकी मेहनत का फल बेहतर होगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। यह तकनीक किसानों को सशक्त बनाते हुए उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएगी।
NationPress
27/09/2025

Frequently Asked Questions

भू परीक्षक मशीन का उपयोग कैसे किया जाता है?
किसान को केवल 10 ग्राम मिट्टी डालनी होती है और मशीन का स्टार्ट बटन दबाना होता है।
इस मशीन के परिणाम कितने समय में मिलते हैं?
इस मशीन से किसान को 90 सेकंड में परिणाम मिल जाते हैं।
क्या यह मशीन सीधे किसानों को उपलब्ध है?
वर्तमान में, यह मशीन केवल चुनिंदा सेंटरों से उपलब्ध है।
इस मशीन की खासियत क्या है?
यह मशीन पूरी तरह से ऑटोमैटिक, बैटरी ऑपरेटेड और इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी पर आधारित है।
क्या यह तकनीक सभी राज्यों में उपलब्ध है?
अब तक यह तकनीक 20 राज्यों के 150 गांवों में पहुँच चुकी है।