क्या यूपी विधानसभा का मानसून सत्र ऐतिहासिक होगा? सत्ताधारी विधायक बोले, विपक्ष ने उठाए सवाल

सारांश
Key Takeaways
- मानसून सत्र ११ अगस्त से शुरू हुआ है।
- सत्ताधारी दल का दावा है कि सत्र ऐतिहासिक होगा।
- विपक्ष मुख्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है।
- किसान और युवा समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
- विज़न डॉक्यूमेंट पर चर्चा होगी।
लखनऊ, ११ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र ११ अगस्त से आरंभ हो गया है, जो १६ अगस्त तक चलेगा। सत्ताधारी दल का दावा है कि यह सत्र ऐतिहासिक होगा, जबकि विपक्ष मुख्य मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहा है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह सत्र ऐतिहासिक होगा और इसमें कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। विजन डॉक्यूमेंट पर भी चर्चा होगी, जिसमें १९५० से अब तक उत्तर प्रदेश की स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा। भविष्य के उत्तर प्रदेश की दिशा भी तय की जाएगी।
विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा कि सत्र में उत्तर प्रदेश को सशक्त बनाने वाले मुद्दों पर चर्चा होगी। हम राष्ट्र और सनातन को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे। विधानसभा को २४ घंटे चलाने का प्रस्ताव भी स्वागत योग्य है।
नेता माता प्रसाद पाण्डेय ने बताया कि आज मानसून सत्र का पहला दिन है, और हमारी कोशिश है कि सभी महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाए। जनहित से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा होना आवश्यक है।
समाजवादी पार्टी के नेता डॉक्टर संग्राम ने कहा कि उनके पास कई मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा की जानी चाहिए। वे चाहते हैं कि सत्र का कोई दिन व्यर्थ न जाए, लेकिन सरकार चर्चा से बच रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां किसान और युवा दोनों परेशान हैं। विद्यार्थियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। परीक्षाओं के मुद्दे न्यायालय में विचाराधीन हैं।
इसके अलावा, उन्होंने भाजपा के विकसित भारत 2024 के विजन डॉक्यूमेंट पर सवाल उठाए और कहा कि यदि भाजपा अपने पूर्व वादों को पूरा नहीं कर पाई है, तो उसे इस तरह के विजन डॉक्यूमेंट लाने का कोई अधिकार नहीं है।