क्या लालू प्रसाद यादव को ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए? - रामप्रीत मंडल

सारांश
Key Takeaways
- लालू प्रसाद यादव को संयमित भाषा का उपयोग करना चाहिए।
- रामप्रीत मंडल ने उन्हें सलाह दी कि आराम करना चाहिए।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के लिए कई योजनाएँ लेकर आए हैं।
पटना, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये लोग सिर्फ जुमलेबाज़ हैं, जो जुमला दिवस मनाने यहाँ आए हैं।
इसी पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता रामप्रीत मंडल ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत की। उन्होंने लालू प्रसाद यादव को सलाह दी कि वे एक वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें इस तरह की भाषा शैली से दूरी बनानी चाहिए। यदि वे ऐसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, तो कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेगा। लालू यादव खुद सजायाफ्ता हैं, इसलिए उन्हें इस तरह की टिप्पणियों से बचने की आवश्यकता है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर लालू प्रसाद यादव राजनीति में इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करेंगे, तो उनके लिए समस्याएँ उत्पन्न हो जाएंगी। उनके परिवार की स्थिति भी किसी से छुपी नहीं है। उनके दो बेटे हैं और दोनों की दिशाएँ भिन्न हैं, जो प्रदेश की जनता के लिए समझ से परे हैं। एक बेटा अभी बिहार की यात्रा पर है, जो स्पष्ट रूप से अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है, जिसे किसी भी स्थिति में सही नहीं ठहराया जा सकता। वर्तमान में, लालू परिवार जनता के हितों की बजाए अपने स्वार्थों को साधने में लगा हुआ है।
रामप्रीत मंडल ने कहा कि लालू प्रसाद यादव को राजनीति में ऐसी भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें अब आराम करना चाहिए। उनके लिए यह समय सुकून से बिताने का है।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह बात अस्वीकार नहीं की जा सकती कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के जनता के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने बिहार की जनता को करोड़ों की योजनाएँ दी हैं, जैसे रेलवे की सौगात और मखाना बोर्ड की सहायता। प्रधानमंत्री अपने कार्यकाल में यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि बिहार की जनता को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। बिहार की जनता अब लालू प्रसाद यादव के परिवार को समझ चुकी है।