क्या लोकसभा की कार्यवाही स्थगित हुई? मानसून सत्र में हंगामे के चलते महज 37 घंटे चर्चा

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क्या लोकसभा की कार्यवाही स्थगित हुई? मानसून सत्र में हंगामे के चलते महज 37 घंटे चर्चा

सारांश

लोकसभा का मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया, केवल 37 घंटे चर्चा संभव हुई। जानिए, क्या हैं इसके पीछे के कारण और विपक्ष की मुख्य मांगें।

Key Takeaways

  • मानसून सत्र में 120 घंटे की चर्चा में केवल 37 घंटे उपयोग हुए।
  • ओम बिरला ने सदन की गरिमा बनाए रखने का आग्रह किया।
  • इस सत्र में 14 विधेयक पेश किए गए, जिनमें से 12 पारित हुए।
  • विपक्ष का मुख्य मुद्दा बिहार में एसआईआर प्रक्रिया था।

नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। संसद का मानसून सत्र पूरी तरह से हंगामे की भेंट चढ़ गया।

21 जुलाई से आरंभ हुआ यह सत्र चर्चा के लिए कुल 120 घंटे का समय निर्धारित था, लेकिन लगातार हंगामे के कारण लोकसभा में केवल 37 घंटे चर्चा हो पाई। गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले, स्पीकर ओम बिरला ने यह जानकारी साझा की।

इस सत्र में बिहार एसआईआर प्रक्रिया को लेकर पूर्ण गतिरोध रहा है। बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर प्रक्रिया के माध्यम से बिहार के लोगों के वोट काटे गए हैं। विपक्ष इसी मुद्दे को लेकर अंत तक सदन में अड़ा रहा। इस दौरान, संसद में नारेबाजी, बिल फाड़कर फेंकने और तख्तियां लहराने जैसी अनेक घटनाएं हुईं।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कुछ सदस्यों के आचरण पर गहरी चिंता व्यक्त की और असंसदीय भाषा में लिखे नारों और तख्तियों के उपयोग का उल्लेख किया। मानसून सत्र के अंतिम क्षणों में भी विपक्ष के सांसदों ने 'वोट चोर गद्दी छोड़' के नारे लगाए।

ओम बिरला ने कहा कि हमारे आचरण पर पूरे देश की नजर है। उन्होंने सभी सदस्यों से सदन की गरिमा बनाए रखने और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा का आग्रह किया। स्पीकर के समझाने के बावजूद हंगामा जारी रहा।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सत्र के अंतिम दिन कार्यवाही में भाग लेने के लिए दोपहर 12:04 बजे पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

विपक्ष के हंगामे के बीच, स्पीकर ओम बिरला ने सदन को स्थगित करते हुए पिछले एक महीने में हुए कार्यों की जानकारी दी। ओम बिरला ने बताया कि चर्चा के लिए 120 घंटे आवंटित किए गए थे, लेकिन विपक्षी सदस्यों के बार-बार व्यवधान के कारण केवल 37 घंटे का ही उपयोग किया जा सका। अध्यक्ष बिरला ने कहा कि 419 तारांकित प्रश्न प्रस्तुत किए गए थे, परंतु केवल 55 का ही उत्तर दिया गया।

स्पीकर ने बताया कि पूरे सत्र में 14 विधेयक पेश किए गए और 12 पारित हुए, जिनमें आयकर विधेयक, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक शामिल हैं। ऑनलाइन गेमिंग विनियमन विधेयक भी पारित हुआ है। हालांकि, संविधान में 130वें संशोधन विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया।

स्पीकर ओम बिरला ने सदन को यह भी बताया कि 28-29 जुलाई को 'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक विशेष चर्चा हुई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने सदन को संबोधित किया। 18 अगस्त

सदन के अंतिम दिन कुछ सदस्यों के आचरण पर टिप्पणी करते हुए स्पीकर ओम बिरला का स्वर कठोर था। उन्होंने हंगामा करने वाले सांसदों से कहा कि जन प्रतिनिधि के रूप में हमारे आचरण और कार्यप्रणाली को पूरा देश देखता है। जनता उम्मीदों के साथ यहां चुनकर भेजती है, ताकि उनके हितों के मुद्दों और महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जा सके।

इससे पहले, उन्होंने गुरुवार को प्राप्त कई स्थगन नोटिसों पर विचार करने से इनकार कर दिया, लेकिन कुछ समितियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने सहित कुछ संक्षिप्त कार्यों की अनुमति दी। कल्याण वैजनाथराव काले ने रसायन और उर्वरक संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट पेश की। गजेंद्र सिंह पटेल ने 2024-25 के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की।

इसी तरह, गृह मंत्रालय (नित्यानंद राय), पर्यावरण (कीर्तिवर्धन सिंह), बंदरगाह एवं जहाजरानी (शांतनु ठाकुर), सड़क परिवहन (अजय टम्टा), शिक्षा (सुकांत मजूमदार) और नागरिक उड्डयन (मुरलीधर मोहोल) सहित प्रमुख विभागों के मंत्रियों ने सदन के समक्ष विभागीय पत्र रखे।

सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले, अध्यक्ष बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रचनात्मक रूप से भाग लेने वाले सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। उन्होंने सभी सदस्यों से आगामी लोकसभा सत्रों में विचार-विमर्श, गरिमा और लोकतांत्रिक उत्तरदायित्व के मूल्यों के प्रति फिर से प्रतिबद्ध होने का आग्रह किया।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। विपक्ष का हंगामा निश्चित रूप से चर्चा में रुकावट है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम मुद्दों पर खुले मन से बातचीत करें।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

लोकसभा की कार्यवाही क्यों स्थगित हुई?
लोकसभा की कार्यवाही स्थगित होने का कारण लगातार हंगामा और चर्चा में रुकावट है।
कितने विधेयक पास हुए?
इस सत्र में 14 विधेयक पेश किए गए और 12 पास हुए।
इस सत्र में कितने घंटे चर्चा हुई?
इस सत्र में कुल 120 घंटे का समय निर्धारित था, परंतु केवल 37 घंटे ही चर्चा हो पाई।
ओम बिरला ने क्या कहा?
ओम बिरला ने सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की और सदस्यों के आचरण पर चिंता व्यक्त की।
विपक्ष के मुख्य मुद्दे क्या थे?
विपक्ष का मुख्य मुद्दा बिहार में एसआईआर प्रक्रिया को लेकर हंगामा था।