क्या महाराष्ट्र के मराठवाड़ा और विदर्भ बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं? मंत्री बावनकुले ने विपक्ष से राजनीति न करने की अपील की

सारांश
Key Takeaways
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- राजनीति से परे जाकर मदद करना जरूरी है।
- सरकार राहत कार्यों में जुटी हुई है।
- निवेशकों की मदद की आवश्यकता है।
- बचाव टीमें सक्रिय हैं।
मुंबई, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में हो रही निरंतर मूसलाधार बारिश ने राज्य के अधिकांश हिस्से को बाढ़ की स्थिति में डाल दिया है। मराठवाड़ा और विदर्भ के कई जिलों में भयंकर तबाही हुई है, जहाँ नदियाँ उफान पर हैं और सैकड़ों गाँव जलमग्न हो चुके हैं। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अगले २-३ दिनों के लिए २५ जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें मराठवाड़ा के सभी आठ जिले और विदर्भ के ११ जिले शामिल हैं। कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने इस समय विपक्ष से राजनीति न करने और सभी के लिए मदद करने की अपील की।
मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को मुंबई में मीडिया से बातचीत के दौरान स्थिति की गंभीरता को बताया। उन्होंने कहा, "मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। कई घरों में तीन-चार मीटर तक पानी घुस गया है, और बहुत से मवेशी भी मारे गए हैं। किसानों की फसलें भी बर्बाद हो गई हैं।" बावनकुले ने अपनी ज़िम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा, "मेरा काम है कि अंतिम छोर पर बैठे अधिकारियों से संपर्क कर प्रभावित फसलों का पंचनामा करवाया जाए, ताकि किसानों को जल्द मुआवजा मिल सके।"
मंत्री ने बड़े निवेशकों, उद्योगपतियों और बिल्डरों से अपील की, "सरकार बाढ़ प्रभावितों की मदद करेगी, लेकिन आप भी महाराष्ट्र की जनता के लिए आगे आएं। यह आपत्ति का समय है, राजनीति नहीं। जब देश पर विपत्ति आई, तब महाराष्ट्र ने मदद की। अब यदि कोई व्यक्ति या संगठन सहायता करना चाहे, तो उसका स्वागत है।" विपक्ष के रुख पर उन्होंने कहा, "ऐसे समय में राजनीति न करें। महाराष्ट्र ने हमेशा देश की मदद की है, अब हमारी बारी है।"
महाराष्ट्र में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश ने कई लोगों की जान ले ली है, जबकि सैकड़ों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया है। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है, और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा दोनों उपमुख्यमंत्री现场 मौजूद हैं।
आईएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण मध्य प्रदेश से आने वाली नमी वाली हवाओं ने बारिश को तेज कर दिया है। कोकण, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ में अगले २४ घंटों में भारी वर्षा और आंधी की संभावना है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से नदीनाला क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। मुंबई, पुणे, ठाणे और अन्य शहरों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है।